Republic Day 2021 Hindi Shayari Desh Bhakti Geet & Quotes: आज पूरे देश में गणतंत्र दिवस धूम धाम से मनाया जा रहा है। 26 जनवरी (Republic Day) के दिन हमारे देश को साल 1950 में अपना संविधान मिला था और हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश बना था। इसके बाद से हर साल 26 जनवरी (26 January) के दिन हमारे देश में गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस एक राष्टीय पर्व है। इस दिन देश के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं और देश की तीनों सेनाएं अपने बल का प्रदर्शन करते हुए परेड लगाती है, जिसका टेलीविजन पर राष्ट्रीय चैनल के माध्यम से लाइव प्रसारण भी किया जाता है। वैसे तो 26 जनवरी के दिन हर जगह पर देशभक्ति का माहौल दिखता है लेकिन सबसे अधिक चहल-पहल स्कूलों कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में दिखती है। लेकिन इस बार कोरोना की वजह से पिछले साल जैसी बात नहीं रहेगी। लेकिन फिर भी आप सोशल मीडिया पर गणतंत्र दिवस के दिन कुछ बेहतरीन रिपब्लिक डे कोट्स (Republic Day 2021 Quotes), गणतंत्र दिवस हिंदी शायरियां (Republic Day 2021 Shayari In Hindi) और गणतंत्र दिवस देश भक्ति गीत (Republic Day 2021 Songs) जरूर साझा कर सकते हैं।
Republic Day 2021 Quotes & Shayari In Hindi: रिपब्लिक डे (गणतंत्र दिवस) कोट्स, हिंदी शायरी
राष्ट्र के लिए मन मे मान-सम्मान रहे,
हर एक नागरिक के दिल में हिन्दुस्तान रहे!
देश के लिए साल में एक-दो दिन ना हो,
वतन के नाम हमारी हर एक सास रहे।
दे सलामी इस महान तिरंगे को,
जिसमें देश की शान है!
सर फहराता हैं रहे ये ध्वज हमारा,
जब तक शरीर मे जान हैं।
आजादी को अपनी हम कभी मिटा नही सकते,
सर कटा सकते हैं खुद का पर कभी इसे झुका नहीं सकते।
बचपन का वो भी एक दौर होता था,
जब गणतंत्र में भी खुशी का शौर होता था!
ना जाने क्यूं मैं इतना बड़ा हो गया,
ना जाने कैसे इंसानियत में अब मजहबी बैर हो गया।
वीरों के बलिदान की ये कहानी हैं,
देश के वीरो की निशानी हैं!
लड़-लड़ कर इसे तबाह ना करना,
चीखती हुई वीरता की ये कहानी हैं।
पूछो ना हमसे से कि
क्या हमारी ये कहानी है,
हमारी पहचान तो बस
ये है कि हम सब दिल से
हिन्दुस्तानी हैं।
ये जोश आजादी का हम कभी कम न होने देंगे,
पड़ेगी जरूरत जब भी हमारी देश के लिए जान लुटा देंगे!
हिंदुस्तान हमारा देश है और दिल मेंं राष्ट्रभक्ति हैं,
अब इस पर कभी आंच ना आने देंगे।
मिलते नही जो हक वो लिए जाते हैं,
है आजाद हम पर गुलाम किये जाते हैं,
उन सिपाहियों को शत शत नमन करो,
मौत के साए में जो जिए जाते हैं।।
नहीं सिर्फ जश्न मनाना,
नहीं सिर्फ झंडे लहराना,
ये काफी नहीं है वतन पर,
यादों को नहीं भुलाना,
जो कुर्बान हुए उनके लफ़्ज़ों को आगे बढ़ाना,
खुदा के लिए नही ज़िन्दगी वतन के लिए लुटाना,
हम लाएं है तूफ़ान से कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के….||
बचपन का वो भी एक दौर था
गणतंत्र में भी खुशी का शोर था।
ना जाने क्यू में इतना बड़ा हो गया
इंसानियत में मजहबी बैर हो गया।।