चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर अंडाकार कक्ष में चक्कर लगाता है और चंद्रमा और पृथ्वी के बीच कई बार सुपरमून जैसी घटना देखने को मिलती है। इस साल का सबसे बड़ा सुपर पिंक मून अप्रैल में आने वाली पूर्णिमा को होने जा रहा है।
लेकिन दुर्भाग्य के कारण भारत में सुपर पिंक मून की यह घटना देखने को नहीं मिलेगी। क्योंकि भारत में सुपर पिंक मून सुबह करीब 8:05 बजे के पास होगा और उस समय पूरे देश भर में बहुत ज्यादा रोशनी होगी। हालांकि जो लोग सुपर पिंक मून देखने के इच्छुक हैं, वह लोग इस इवेंट को ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं।
पारंपरिक रूप से अप्रैल पूर्णिमा को गुलाबी चंद्रमा यानी पिंकमून (PinkMoon) कहा जाता है क्युकी इसमें चंद्रमा सबसे बड़े आकर में दिखाई देता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि अप्रैल की पूर्णिमा को ही सबसे बड़ा चांद दिखाई दे। CNET से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार भारत में 8 अप्रैल को दोपहर 2:35 बजे जीएमटी ( सुबह 8:05 बजे आईएसटी) पर सुपर पिंक मून की घटना होगी, लेकिन सूर्य की रोशनी होने की वजह से भारत में यह घटना दिखाई नहीं देगी।
इससे पहले आखिरी बार सुपर पिंक मून 9 मार्च से 11 मार्च के बीच इसी साल देखने को मिला था। यह घटना मार्च महीने में हुई थी।
खास बातें
- भारत में नहीं दिखाई देगा सुपरमून
- भारतीय मानक समय के अनुसार सुबह 8:05 बजे होगा सुपर पिंक मून
- पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा चंद्रमा
- पृथ्वी पर पड़ सकता है सुपरमून का प्रभाव
Super Moon क्या है?
चंद्रमा, पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाता है, और चक्कर लगाते समय वह अपनी कक्षा में एक ऐसी स्थिति में पहुंचता है, जब पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी कम हो जाती है। सामान्य दिनों में पृथ्वी और चंद्रमा की दूरी लगभग 384400 किलोमीटर होती है, लेकिन जब सुपर पिंक मून होगा तब यह दूरी घटकर तकरीबन 356900 किलोमीटर हो जाएंगी। यह एक ऐतिहासिक भौगोलिक घटना है, जिसमें चंद्रमा गुलाबी दिखाई देता है इसीलिए इस गुलाबी चंद्रमा को हम सुपर पिंक मून कहते हैं।
Super Pink Moon नाम क्यों पड़ा?
सुपर पिंक मून मौसम के आधार पर उन देशों को दिखाई देगा, जहां पर प्रकाश की रोशनी कम होगी। इस दिन दिखाई देने वाला चंद्रमा गुलाबी रंग का दिखाई देगा। हालांकि यह नाम एक गुलाबी फूल (Phlox subulata) से लिया हुआ है। जो उत्तरी अमेरिका मैं बसंत ऋतु के दौरान खिलता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार सुपरमून हर दिन के मुकाबले 14 गुना बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकदार दिखाई देगा।
साल 2020 की खगोलीय घटनाएं
इस साल लगातार चार सुपर पिंक मून दिखाई देंगे, वैज्ञानिकों के अनुसार यह साल का पहला सुपरमून है, वहीं इस साल 12 माह में 13 पूर्णिमा होगी जिसमें अप्रैल महीने में सुपर पिंक मून की घटना देखी जा सकती है, खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार यह काफी रोचक तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भी होगा।
सुपरमून का पृथ्वी पर प्रभाव
सुपरमून एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार जब यह स्थिति पैदा होती है, तो ऐसा माना जाता है कि इस दौरान समुद्र में ऊंची ऊंची लहरें उत्पन्न होती है।
भारत में सुपरमून कैसे देख सकते हैं – Supermoon livestream
भारतीय समयानुसार 8 अप्रैल को सुपरमून सुबह 8:05 बजे दिखाई देगा, लेकिन इस समय रोशनी ज्यादा होती है, जिस वजह से आप रोमांचक अवसर नहीं देख पाएंगे। ऑनलाइन वेबसाइटों पर जाकर आप Supermoon को Live देख सकते हैं। Slooh सुपरमून की इस घटना को अपने YouTube चैनल पर लाइव स्ट्रीम करेगा।