बांका जिले में लॉकडाउन में खुली दुकान को बंद करवाने गए पुलिसकर्मियों पर फेका गर्म तेल, जाने क्या हैं पूरा मामला

कोरोना महामारी ने कई देशों के साथ हमारे देश पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ा है। इस बात से मुंह नहीं कहा जा सकता कि कोरोनावायरस को रोकने से लगाए जाने वाले लॉकडाउन के काफी सारे साइड इफेक्ट है जैसे कि लोगो की कमाई रुक जाती है लेकिन खर्चे उतने ही रहते हैं। इनमें मुख्य रूप से वह लोग अधिक परेशान होते हैं जो रोज कमाकर रोज खाने वाले लोगों की श्रेणी में आते हैं अर्थात मजदूरी जैसे निम्न आय वाले कार्य करते हैं। लेकिन इस बात में भी कोई दो राय नहीं है कि वर्तमान में कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन से बेहतरीन उपाय कुछ नहीं हैं। लेकिन सरकार के द्वारा लॉकडाउन लगाने के बाद भी काफी सारे लोग चोरी चुपके व्यापार कर रहे हैं। हाल ही में बांका जिले में इससे जुड़ी एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई हैं।

बांका जिले में लॉकडाउन में खुली दुकान को बंद करवाने गए पुलिसकर्मियों पर फेका गर्म तेल

हाल ही में बिहार राज्य के बाक़ा जिले से एक शर्मनाक घटना सामने आई हैं, जो दर्शाती हैं कि कुछ लोग लॉकडाउन के दौरान दुकाने चलाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। दिल दहला देने वाला यह मामला बांका जिले के श्याम बाजार का है जहां पर लॉकडाउन के दौरान दुकानें खोलने का एक निश्चित समय निर्धारित कर रखा है लेकिन कुछ व्यापारी इस निर्धारित समय के बाद भी दुकाने खोलते हैं। लॉकडाउन के निर्धारित समय के बाद भी दुकान खोल रहे इन व्यापारियों को जब पुलिसकर्मी समझाने जाती है तो कई बार वह उपद्रव भी कर देते हैं। हाल ही में चाय नाश्ते की दुकान चलाने वाले गणेश पंडित ने दुकानें बंद करवाने आए पुलिसकर्मी के साथ उपद्रव किया और उन पर गर्म खोलता तेल छिड़क दिया।

दरअसल पुलिसकर्मियों को खबर मिली कि श्याम बाजार में काफी सारी दुकाने निर्धारित समय के बाद भी खुलती है तो ऐसे में वह दुकानदारों को समझाने और दुकाने समय पर बन्द करवाने पहुचे। जो दुकाने निर्धारित समय के बाद भी खुल रही थी उनमें से एक चाय-नाश्ते की दुकान भी थी जो गणेश पंडित नाम का एक व्यापारी चलाता था। पुलिसकर्मी जब गणेश को समझने और उसकी दुकान बंद करवाने पहुचे तो गणेश अचानक से अपना आपा खो बैठा और उसके खौलता तेल पुलिस कर्मियों पर फेंक दिया जिससे थानाध्यक्ष राजकिशोर सिंह और दो पुलिसकर्मी बुरी तरह झुलस गए। नजदीकी दुकानदार जब गणेश को समझाने पहुचे तो उनपर भी जलती लकड़ी से हमला कर दिया गया। इसके बाद अतिरिक्त फोर्स बुलवाकर गणेश पंडिर और उसके पुत्र को गिरफ्तार कर लिया गया और घायलों को अस्पताल भेज दिया गया।

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