Best Investment Plans: ये हैं लंबी अवधि के कुछ सदाबहार इन्वेस्टमेंट प्लान

Best Investment Plans: लंबे समय वाले इन्वेस्टमेंट प्लान्स मैच्योर होने पर ज्यादा मुनाफा देते हैं। इस प्रकार के निवेशों को 3 साल या इससे भी अधिक समय के लिए रखा जा सकता है, परन्तु इस तरह के निवेशों को प्रतिबद्धता की जरुरत होती है, भले ही आपको इस दौरान वित्तीय संकट का सामना ही क्यों ना करना पड़े।

तो आइए जानते है कुछ ऐसे दीर्घकालीन निवेश विकल्प, जो आपके वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार साबित हो सकते हैं।

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF)

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड यानि PPF देश में सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है। यह 7. 90 प्रतिशत (1 जनवरी 2020 से ) की दर से ब्याज देता है। पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड पर धारा 80-सी के तहत ब्याज वाली आय पर भी टैक्स छूट मिलती है। यह योजना कम रिस्क लेने वाले निवेशको के लिए सबसे अच्छी है, जो रिटायरमेंट प्लान के हिसाब से लंबी अवधी के वित्तीय हित पूरे करना चाहते हैं।

शेयर बाजार (Stock Market)

शेयरों में निवेश करना भी एक विकल्प है, परन्तु इस बात की कोई गारंटी नहीं है की आप कोई रिटर्न हासिल करेंगे। हालाकि, इससे मिलने वाले फायदे आपके पोर्टफोलियो और रिस्क लेने की क्षमता पर आधारित होंगे।

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फिक्स डिपॉजिट (FD)

भारत में बैंक फिक्स डिपॉजिट निवेश के लिए एक आदर्श विकल्प है। डीआईसीजीसी के नियमों के अनुसार, बैंक में प्रत्येक जमाकर्ता को मूलधन और ब्याज राशि दोनों के लिए अधिकतम ₹1 लाख तक का बीमा किया जाता है। आवश्यकतानुसार कोई भी व्यक्ति मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक या संचई ब्याज विकल्प चुन सकता है। इसमें अर्जित ब्याज को उस व्यक्ति की आय में जोड़ा जाता है और सैलेरी स्लैब के अनुसार टेक्स लगाया जाता है।

म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund)

ये ऐसे लोगों के लिए है जो जोखिम और मुनाफे में संतुलन के लिए बांड और इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं। कई प्रकार के फंड हैं जिनमें आप अपनी रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा आप एसआईपी के विकल्प का भी चयन कर सकते हैं क्योंकि यह नियमित अंतराल पर छोटे निवेश के साथ लंबी अवधि में पोर्टफोलियो का निर्माण कर बाजार के जोखिम को कम करता है।

गोल्ड (Gold)

सोना सर्वकालिक पसंदीदा निवेश उत्पाद है। आप किसी भी प्रारूप में सोने में निवेश कर सकते हैं जैसे गोल्ड बार, गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड म्युचुअल फंड, गोल्ड डिपॉजिट स्कीम आदि। गोल्ड बॉन्ड में 3 से 5 साल की लॉक-इन अवधि में 4 फ़ीसदी तक की टैरिफ फ्री ब्याज दर मिल जाती है।

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यूनिट लिंक इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

यूनिट लिंक इंश्योरेंस प्लान, जिसे यूएलआईपी (ULIP) भी कहा जाता है, ऋण बाजार और इक्विटी में निवेश करते हैं। इसमें आप नेट ऐसेट वैल्यू के हिसाब से उतार-चढ़ाव देख सकते हैं। हालांकि इस पर लगने वाले तरह-तरह के चार्जेस की वजह से लोग ULIP रिकमेंड नहीं करते, लेकिन यह आपको लॉन्गटाइम निवेश पर 8% का अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।

रियल एस्टेट (Real Estate)

हमारे देश में रियल एस्टेट एक तेजी से बढ़ते उद्योग है और इसमें हॉस्पिटैलिटी, कमर्शियल, रिटेल हाउसिंग, मैन्युफैक्चरिंग आदि सभी क्षेत्रों की तरह उत्कृष्ट संभावनाएं हैं। इसके अलावा जिन लोगों को पुराने निवेश से फायदा हुआ है वे रियल स्टेट में निवेश कर सकते हैं।

इक्विटी फंड (ELSS Fund)

अगर आप टैक्स बेनिफिट के बारे में सोच रहे हैं तो टैक्स-सेविंग म्यूच्यूअल फंड का विकल्प चुनें, जिसे ईएलएसएस या इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम भी कहा जाता है। ये म्यूचल फंड नियमित इक्विटी फंड की तरह काम करते हैं, सिवाय इसके कि इसमें 3 साल का लॉक-इन पीरियड है, क्योंकि वे अधिकतम 1.5 लाख रुपए के निवेश के तरह टैक्स बेनिफिट प्रदान करते हैं।

ऊपर बताए गए निवेशों में से कुछ निश्चित आय वाले हैं, जबकि अन्य बाजार से जुड़े हुए हैं। पैसा बनाने की प्रक्रिया में नियत आए और बाजार से जुड़े निवेश दोनों की भूमिका है। बाजार से जुड़े निवेश अस्थिरता को कम करने में मदद करते हैं और उच्च रिटर्न देते हैं, जबकि निश्चित आए केवल वांछित लक्ष्य को पूरा करने के लिए संचित धन को संरक्षित करने में मदद करते हैं।

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