Budget 2021: हाल ही में वित्त मंत्रालय के द्वारा देश का नया सालाना बजट निकाला गया है। वैसे तो हर साल ही बजट निकाला जाता है लेकिन पिछले साल कोरोना की महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा जिसके चलते इस साल का बजट पिछले सालों के मुकाबले काफी खास बन गया। वित्त मंत्रालय के ऊपर एक प्रेशर था कि भारत का एक ऐसा बजट तैयार करें जो देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने का काम करें। इस बजट में कुछ ऐसे फैसले किए गए हैं जो सीधे उपभोक्ता और मैन्युफैक्चरर्स पर प्रभाव डालेंगे। इनमें से कुछ नकारात्मक होंगे तो कुछ सकारात्मक लेकिन इससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव जरूर पड़ेगा। तो आइये बजट के कुछ मुख्य बिंदुओं पर नजर डालते हैं:
पेंशन प्राप्त करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को नहीं भरना होगा टैक्स
इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों को काफी राहत दी गयी है। अब 75 साल से ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने की आवश्यकता नहीं होगी। जिन लोगों की उम्र 75 से ऊपर है और जिनकी इनकम का सोर्स मात्र पेंशन या एफडी आदि से आने वाला ब्याज है तो उन्हें किसी प्रकार का आईटीआर फ़ाइल नहीं करना होगा।
नई स्वास्थ्य योजनाओं पर खर्च किये जाएंगे 64180 करोड़ रुपये
कोविड और अन्य बीमारियों के आने से यह बात तो साफ है कि सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में भी अधिक से अधिक खर्चा चाहिए ताकि देश में रहने वाले नागरिक स्वस्थ जीवन जी सके। इस बजट में स्वास्थ्य के लिए भी स्वास्थ्य योजनाओं पर काफी अच्छा पैसा खर्च करने की प्लानिंग की गई है। कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा प्राप्त हुआ है।
कृषि क्षेत्र में भी किया जाएगा काफी पैसा खर्च
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि किसान आंदोलन के चलते किसानों ने सरकार का ध्यान खींचा है। किसानों को खुश करने के लिए कृषि क्षेत्र में पैसा खर्च करना तो वाजिब है। इस नए बजट 2021 के अनुसार कृषि से जुडी हुई कई योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि में काफी पैसा खर्च किया जाएगा और इसके अलावा एमएसपी की कीमतों में डेढ़ से 2 गुना वृद्धि की जाएगी जिसका फायदा देश के सभी छोटे-बड़े और सीमांत किसानों को होगा।