Chinese Virologist Expert Claims COVID-19 Man Made: साल 2020, शुरुआत से ही कई दुर्घटनाओं के चलते बुरा साबित हो रहा है लेकिन इस साल की सबसे बड़ी और मुख्य समस्या कोरोना वायरस ही है। भारत में फरवरी के अंत में कोरोना वायरस का खौफ फैलना शुरू हो गया था। पूरी दुनिया इस समय इस वायरस के डर में हैं। वायरस के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से सामान्य व्यापारियों के साथ बड़ी बड़ी कंपनियों का और छात्रों से लेकर इम्प्लॉइज का काफी भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में हर कोई इस वायरस की जड़ को ढूंढ रहा है। हर कोई जानना चाहता है कि यह वायरस अचानक से आया या इसे बनाया गया। पिछले कुछ समय से चीन पर सवाल उठ रहे हैं कि चीन की लैब में इस वायरस का निर्माण किया गया है। लेकिन चीन अभी इन सभी आरोपों को नकार रहा है।
चीन की डॉक्टर ने किया वायरस के लैब में बनने का दावा
पिछले काफी समय से भारतीय मीडिया चैनल्स पर यह बात चल रही थी कि कोरोना वायरस को चीन की वुहान की लैब में तैयार किया गया है। अमेरिका और अन्य कई देशों के लोगों ने भी चीन पर इस बीमारी के लिए आरोप लगाए, लेकिन सबूत न होने के कारण चीन ने इन आरोपों को खोखला बताया। लेकिन हाल ही में चीन की एक डॉक्टर ‘ली-मेंग येन’ ने दावा किया है कि इस वायरस का निर्माण चीन की वुहान लैब में ही किया गया था। इसके अलावा डॉक्टर ली-मेंग येन ने दावा किया है कि बीजिंग को कोरोना वायरस के बारे में मालूम था। ली-मेंग ने यह भी कहा है कि वह जल्द ही इसके प्रमाण पेश करेगी। ली मेंग का कहना है कि उनके पास वायरस से जुड़े हुए काफी सुबूत मौजूद हैं।
फिंगर प्रिंट जैसा है कोरोना का जीनोम सीक्वेंस
डॉक्टर येन-मेंग ली ने कहा कि कोरोना वायरस का जीनोम सीक्वेंस फिंगर प्रिंट जैसा है, इससे यह साफ पता लगता है कि यह वायरस लैब में तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि वो यही सबूत लोगों के सामने लाना चाहती थी, और इसी वजह से उन्होंने अपनी जान खतरे में डाली। डॉक्टर येन इस बात का दावा करती है कि इस वायरस की शुरुआत वुहान के पशु बाजार से नहीं बल्कि लैब से फैला है। ली-येन मेंग का कहना है कि चीनी सरकार ने इसके छोड़ने से पहले उनसे जुड़ी हुई सभी जानकारी डाटाबेस से रिमूव कर दी।
परिवार और दोस्तों को मिल रही है धमकियां
डॉक्टर येन ने यह भी बताया कि उनके बारे में कहा जा रहा है कि वह अफवाहे फैला रही है। उनके दोस्तों और परिवार वालों को डराया जा रहा है, ताकि वह उनके बारे में बता दे। डॉक्टर येन के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, उन्होंने हांगकांग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से वायरस और इम्युनिटी के विषय पर पढ़ाई की है। यह संस्थान विश्व स्वास्थ्य संगठन का हिस्सा है, जिसमें बीमारियों की रिसर्च की जाती है। डॉक्टर येन का कहना है कि वह पहली ऐसी वैज्ञानिक है जिन्होंने कोविड-19 की रिसर्च की है। उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा वायरस की जानकारी काफी तोड़-मरोड़ कर की गयी है।
डॉक्टर येन का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि सरकार लोगों से सच छिपा रही है तो उन्हें लगा कि उनके साथ धोखा हो रहा है। ऐसे में उन्हें सच सबके सामने लाना चाहिए। परन्तु अब इससे उनकी जान को खतरा बन आया है, इसलिए अब वह चीन छोड़कर अमेरिका में छिप रही है। उन्होंने कहा कि सरकार से डरने के कारण चीन के लोगों ने यूट्यूब पर वीडियो डालने पर भी कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी।