Corona Kavach Policy: जानिए क्या है ‘कोरोना कवच पॉलिसी’ और इसमें आपको क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

Corona kavach Policy: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आम जनता से लेकर सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, अभिषेक बच्चन और ज्योतरादित्य सिंघिया जैसी हस्तियों की covid-19 की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। सभी क्षेत्रों के लोग कॉरोना से संक्रमित हो रहे हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कहां हैं या आप क्या कर रहे हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि कोरोनावायरस का इलाज बहुत महंगा है। देश के ज्यादातर लोग इसका खर्च नहीं उठा सकते हैं। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि ऐसे में एक विशेष स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेना बेहतर है, ताकि लोगों को अस्पताल के खर्चों के बारे में चिंता न करनी पड़े।

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए  IRDAI के अनिवार्य आदेश के बाद बीमा कंपनियों ने 10 जुलाई से स्पेशल इंस्योरेंस पॉलिसी ‘कोरोना कवच पॉलिसी’ शुरू की है। 26 जून को इंस्योरेंस रेगुलेटर ने इन कोरोना कवच पॉलिसी के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं।

क्या है इसका कार्यकाल

कोविड स्टैंडर्ड हैल्थ पॉलिसी प्रतीक्षा अवधि सहित साढ़े तीन महीने, साढ़े 6 महीने और साढ़े 9 महीने की रखी जा सकती है।

जानिए इसका मूल्य निर्धारण

इनके प्रीमियम पूरे देश में एक समान होने चाहिए। भौगोलिक स्थिति के हिसाब से इन बीमा उत्पादों के लिए अलग अलग प्रीमियम नहीं हो सकते हैं।

क्या है न्यूनतम और अधितम बीमित राशि

स्टैंडर्ड कोविद इंस्योरेंस पॉलिसी 50 हज़ार रुपए से 5 लाख रुपए तक के बीच हो सकती है।

कवर की श्रेणी

स्टैंडर्ड कोविड-19 हैल्थ पॉलिसी का बड़े कवर सुरक्षा आधार पर पेश किया जाएगा। जबकि वैकल्पिक कवर लाभ के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा।

जानिए इसकी आयु सीमा

इस पॉलिसी को खरीदने के लिए एक वयस्क एक न्यूनतम उम्र 65 वर्ष रखी गई है। वहीं बच्चे के लिए न्यूनतम उम्र एक दिन और अधिकतम उम्र 25 वर्ष रखी गई है।

इस पॉलिसी की लाभ संरचना

आवेदन पत्र के प्रारूप (IRDAI-UNF-SCHP) के साथ संबंधित अन्य डॉक्युमेंट्स के साथ स्पष्ट रूप से दिए गए लाभ का खुलासा किया जाना चहिए।

अंडराइटिंग

बीमाकर्ताओं को गैर चिकित्सा सीमा और उससे जुड़ी जानकारी बतानी होगी। साथ ही, स्वास्थ्य कर्मियों को प्रीमियम में 5 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।

नवीनीकरण, पोर्टेबिलिटी और माइग्रेशन

इन पॉलिसीज पर आजीवन नवीनीकरण, माइग्रेशन और पोर्टेबिलिटी लागू नहीं होंगे।

सहरुग्न परिस्थितियां

पॉलिसी में उपचार के साथ साथ पहले से मौजूदा सहरुग्न परिस्थितियों के इलाज़ का खर्च भी शामिल होगा।

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