दुनिया भर में कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है और इसकी चपेट में आने से बड़ी संख्या में लोग मरे जा रहे हैं। कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए कोशिश जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुंह ढकने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
दुनिया भर में कोरोनावायरस से संक्रमितों की संख्या 11 लाख तक पहुंच गई है, मृतकों का आंकड़ा 60 हजार के करीब है। वहीं, भारत की स्थिति भी चिंताजनक है। देश में अब तक 3374 मामले सामने आ चुके है।
देश के 30 फ़ीसदी जिलों में करोना का संक्रमण फैल चुका है, महाराष्ट्र तमिलनाडु केरल जैसे राज्यों की स्थिति बहुत ही खराब है, यहां 50 से 60 फ़ीसदी जिलों में संक्रमण फैल चुका है। बता दें पिछले 2 दिनों से करोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
भारतीय चिकित्सा परिषद ने बड़े पैमाने पर जांच का आदेश दिया है, जिसके तहत कई लैब्स को कोरोनावायरस के जांच की मंजूरी दी है। इसके साथ ही एंटीबॉडी के परीक्षण की मंजूरी भी आईसीएमआर ने दिया है, बता दें कि अब डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, सीएसआईआर और डीएइ मैं कोविड-19 की जांच की जाएगी।
देशभर में कोरोनावायरस के हॉटस्पॉट बन चुके इलाकों जैसे दिल्ली, केरल, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, लद्दाख में संक्रमण से निपटने के लिए सरकार ने अब बड़ी संख्या में लोगों का ब्लड टेस्ट करने का फैसला लिया है। जिन इलाकों में लगातार बड़ी संख्या में पॉजिटिव मिल रहे हैं वहां रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट शुरू किए जाएंगे।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने यह गाइडलाइन जारी की है जिन लोगों में फ्लू के लक्षण हैं, उन्हें भी 14 दिन क्वॉरेंटाइन में रखने की बात कही है। आईसीएमआर के डॉक्टर आर गंगा खेड़कर ने कहा
“हमने स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसके अनुसार सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता जो रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट कर रहे हैं, उन्हें दस्ताने, मास्क और हेडकवर का उपयोग करना चाहिए। गले और नाक के स्वैब इकट्ठा करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को मानक राष्ट्रीय संक्रमण नियंत्रण दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए।”
ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गगनदीप कांग ने कहा कि “हॉटस्पॉट में जो अभी सरकार कह रही है, तो अगर हमें किसी में एंटीबॉडी मिल जाए तो यह पता चलेगा कि उनको पहले sars Coronavirus 2 का इंफेक्शन हुआ है, 2 हफ्ते बाद शुरू होता है, काफी वक्त तक रहता है, जब एंटीबॉडी मिलता है तो यह मान सकते हैं कि उनको Coronavirus से अब प्रोटेक्शन हो गया है।”
क्या होता है रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट?
रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट में व्यक्ति की उंगली से खून निकालकर सैंपल लिया जाता है। इसका रिजल्ट 15 से 20 मिनट में आ जाता है। इससे यह पता चलता है कि व्यक्ति के खून में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी काम कर रहे हैं या नहीं। यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस के लक्षण शुरू में ना दिखाई दे तो उनमें संक्रमण जांचने का यह अच्छा तरीका होता है। इसके टेस्टिंग किट की कीमत 2 से 3 हजार रुपये है।