Business News, Ambani vs Jeff Bezos Corporate War: साल 2019-20 के वित्त वर्ष में अमेजॉन का घाटा कवर होने की जगह पहले से भी ज्यादा बढ़ चुका है। यह घाटा अब बढ़कर 5849.2 करोड़ हो चुका है। अमेज़न को जब यह बड़ा लॉस हुआ उस समय देश में एक बड़ी डील हुई थी। यह डील देश के दो बड़े बिजनेसमैन किशोर बियानी और मुकेश अंबानी के बीच हुई थी। दरअसल मुकेश अंबानी ने बिजनेसमैन किशोर बियानी का फ्यूचर ग्रुप खरीद लिया था, जिसके अंदर बिग बाजार भी आता है। मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल और किशोर बियानी के फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील को अमेज़न स्वयं के लिए आपत्तिजनक बता रहा है।
मुकेश अंबानी ने खरीदी फ्यूचर रिटेल
रिटेल मार्केट में अभी के समय में डी-मार्ट सबसे बड़ी कंपनी है। वैसे तो इस क्षेत्र में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस रिटेल भी है, लेकिन रिलायंस की काम करने की स्ट्रैटेजी डीमार्ट की तरह नहीं है, जिस वजह से रिलाइंस ट्रेंड्स जैसे प्रोजेक्ट डिमॉर्ट के मुकाबले थोड़ा बहुत भी प्रॉफिट नहीं कमा पाते हैं। बिग बाजार डिमॉर्ट का एक अच्छा खासा कंप्यूटर है जो फ्यूचर रिटेल का भाग है। मुकेश अंबानी ने हाल ही में 24 हजार करोड़ रुपये में फ्यूचर्स ग्रुप के फ्यूचर रिटेल का अधिग्रहण किया है। इस डील के अंतगर्त फ्यूचर ग्रुप अपना खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस को बेचेगा।
मुकेश अंबानी की डील से अमेज़न को आपत्ति
मुकेश अंबानी किशोर बियानी के बीच में हुई यानी कि रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच की डील से अमेरिकी कंपनी अमेजन आपत्ति जता रही है। दरअसल अमेज़न का दावा है कि अमेज़न के द्वारा फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी एफपीसीएल की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी गई थी। इस हिस्सेदारी से अमेज़न को डील की मंजूरी देने का अधिकार मिला था। सिंगापुर के कोर्ट में अमेज़न के पक्ष में फैसला सुनाया गया। लेकिन भारत में प्रतिस्पर्धा आयोग ने इस डील को मंजूरी देते हुए रिलायंस के पक्ष में फैसला सुनाया है।
Ambani vs Jeff Bezos Corporate War: अमेज़न की वजह से अटकी रिलायंस की 24 हजार करोड़ की डील
अमेज़न और रिलाइंस का यह मामला एक जगह एक पक्ष में तो दूसरी जगह दूसरे पक्ष में भारी रहा है। अब आखिरकार यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट तक पहुच चुका है। रिलाइंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप की यह डील अमेज़न के लिए खतरा बताई जा रही है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सेबी समेत अन्य रेगुलेटर्स को इस विवाद में फैसला लेने का आर्डर दिया है। इस तरह से अमेज़न की वजह से रिलाइंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच की 24 हजार करोड़ की डील अटक चुकी है।