नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के कारण का निजी बताया है। बुधवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इससे पहले दिल्ली के एलजी नजीब जंग थे। फिलहाल अगला एजली दिल्ली का कौन होगा इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
वाजपेयी सरकार में रहे गृह सचिव जानिए-
अनिल बैजल दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल थे। वे यूनियन टेरिटरी कैडर से 1969 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं। 2006 में रिटायर हुए, 37 साल के करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे। भारत सरकार के कई विभागों में सचिव का पद संभाला। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में गृह सचिव की जिम्मेदारी मिली थी। हालांकि 2004 में यूपीए सरकार बनने के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया था। इसके अलावा वे दिल्ली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2006 में रिटायरमेंट के समय वे शहरी विकास विभाग के सचिव थे।
केजरीवाल सरकार के साथ विवाद के क्या कारण रहे जानिए –
दिल्ली की आम सरकार और बैजल के बीच भी ये राजनीतिक झगड़ा चलता रहा। पिछले साल संसद से गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली एक्ट, 1991 पारित हुआ था। इसमें एलजी को दिल्ली सरकार का महत्वपूर्ण बनाया गया। मतलब कि कोई भी फाइल उपराज्यपाल के जरिये ही पास हो सकती है। इस मुद्दे पर केजरीवाल और अनिल बैजल के बीच खींच तान हुई थी। केजरीवाल और बैजल के बीच सबसे बड़ा विवाद जून 2018 का है। CM और उनके मंत्रियों ने एलजी आवास पर रातभर धरना दिया था | केजरीवाल सरकार का आरोप था कि आईएएस अधिकारी सरकार के काम में सहयोग नहीं कर रहे, उनकी मांगों में राशन की डोर-स्टेप डिलिवरी की योजना को मंजूरी देना भी शामिल था।
पिछले साल दिल्ली सरकार की एक हजार बसों की खरीद प्रक्रिया को लेकर भी विवाद हुआ था। BJP इस मामले पर CBI जांच की मांग कर रही थी। बैजल ने बस खरीद प्रक्रिया की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमिटी बना दी थी। इसके अलावा स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर सरकार और उपराज्यपाल के बीच अनबन चलती रही।