Dhanteras 2020 Tithi, Muhurat, Puja Vidhi: जानिए धनतेरस 2020 की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Dhanteras 2020 Tithi, Muhurat, Puja Vidhi: धनतेरस या धनत्रयोदशी का पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया है। हिन्दू धर्म में इस त्यौहार का विशेष महत्व है। 5 दिन तक मनाये जाने वाले दीपावली पर्व की शुरुवात धनतेरस के साथ होती है। धनतेरस (Dhanteras) के दिन सोना, चांदी, पीतल आदि की वस्तुवें अथवा आभूषण खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि समुंद्र मंथन के समय भगवान धन्वन्तरि 14 वें रत्न के रूप समुद्र से बाहर निकले थे। धनतेरस (Dhanteras) के दिन भगवान धन्वन्तरि के साथ साथ, देवी लक्ष्मी और कुबेर की भी पूजा की जाती है। इस वर्ष धनतेरस (Dhanteras 2020) का पर्व 13 नवंबर को मनाया जायेगा। धनतेरस के दिन से ही दिवाली (Diwali) का पर्व भी आरंभ हो जाता है।

Dhanteras 2020 Tithi, Muhurat, Puja Vidhi

Dhanteras 2020 Tithi, Shubh Muhurat: जानिए धनतेरस 2020 की तिथि और शुभ मुहूर्त

इस बार धनतेरस 2020 (Dhanteras 2020) का त्यौहार 13 नवंबर को मनाया जा रहा है। 12 नवंबर 2020 रात्रि 9:30 बजे से त्रयोदशी तिथि आरंम्भ हो जाएगी जो 13 नवंबर 2020 शाम 5:59 बजे तक रहेगी। धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2020 Shubh Muhurat) शाम 5:28 बजे से शुरू होकर शाम 5:59 बजे तक रहेगा। प्रदोष काल का शुभ मुहूर्त शाम 5:28 बजे से शुरू होकर शाम 8:07 बजे तक रहेगा। वृषभ काल का शुभ मुहूर्त शाम 5:32 बजे से शुरू होकर शाम 7:28 बजे तक रहेगा।

Dhanteras 2020 Puja Vidhi: धनतेरस की पूजा विधि

धनतेरस के दिन भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की विशेष पूजा का विधान है। शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करना विशेष फलदायी माना गया है। पूजा शुरू करने से पूर्व स्नान करना चाहिए और साफ़ वस्त्र धारण कर लेने चाहिए। इसके पश्चात एक साफ़ चौकी लेकर उस पर गंगा जल से छिड़काव करना चाहिए। इसके बाद इसमें लाल अथवा पीला वस्त्र बिछा देना चाहिए और अन्न की धेरी लगा देनी चाहिए। अब इसमें भगवान गणेश, माता लक्ष्मी जी और मिट्टी का हाथी भगवान धन्वंतरि और भगवान कुबेर जी की प्रतिमा को रखना चाहिए। इसके पश्चात गणेश जी की पूजा करने के लिए पुष्प और दूर्वा अर्पित करना चाहिए और विधिवत पूजन कर लेना चाहिए। अब हाथ में अक्षत लेकर भगवान धन्वन्तरि का ध्यान करना चाहिए। अब भगवान धन्वन्तरि को पंचामृत से स्नान करवाना चाहिए। अब रोली और चन्दन से तिलक करने के बाद पुष्प अर्पित कर दें। इसके बाद उन्हें फल और नैवेद्य आदि अर्पित करें और इत्र का छिड़काव कर लें। अब भगवान धन्वंतरि के मन्त्रों का जाप कर लें और उनके सामने तिल का दीपक जला लें और भगवान धन्वंतरि की कथा पढ़े, उनकी धूप और दीप से आरती उतार लें। इसके बाद भगवान धन्वंतरि को पीले रंग की मिठाई से भोग लगाएं। अब माता लक्ष्मी और कुबेर की भी पूजा कर लें। पूजा की समाप्ति पर अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों और तेल के दीपक जला लें।

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धनतेरस के दिन क्या करें?

इस दिन अपने घर की पूरी तरह से सफाई कर लेनी चाहिए और घर में किसी भी प्रकार का कचरा नहीं रखना चाहिए। धनतेरस के दिन बाथरूम का दरवाजा बंद ही रखना चाहिए। क्योंकि कहा जाता है कि इस दिन दरवाजा खुला होने से घर में नकारत्मक ऊर्जा निकलती है। इस दिन कोई भी धारदार चीज जैसे चाकू, कैंची आदि नहीं खरीदने चाहिए। क्योंकि यह सभी चीजें नकारात्मका की ओर इशारा करती हैं। धनतेरस के दिन पीतल स्टील, सोने और चांदी की चीजें खरीदना शुभ माना है। इसलिए इनमें से कोई न कोई चीज जरूर ख़रीदें। धनतेरस के दिन पूजा के बाद गाय को भोजन अवश्य कराएं। क्योंकि गाय में सभी देवी देवताओं का वास माना गया है और ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का स्थिर वास होता है।

धनतेरस के दिन क्या न करें?

धनतेरस के दिन तेल बिलकुल भी न खरीदें और न ही ऐसी चीजें खरीदें जिसमें तेल की मात्रा होती हो। धनतेरस के दिन के काले रंग की वस्तुवें खरीदना अशुभ माना गया है इसलिए इस दिन काले रंग की वस्तुवें लेने से बचें। धनतेरस के दिन अपने घर में तामसिक चीजों का उपयोग न करें। क्योकि अगर आप उपयोग करते हैं तो माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है। धनतेरस के दिन कांच से बानी वस्तुवें खरीदने से बचना चाहिए, क्योंकि कांच का संबंध राहू ग्रह से माना गया है। इसलिए ध्यान रखें कि किसी भी रूप में आप इस दिन कांच से बनी हुई वस्तुएं न खरीदें। इस दिन किसी को भी धन उधार नहीं देना चाहिए, अगर आप इस दिन किसी को भी धन उधार देते हैं तो आपके पास धन नहीं रुकेगा और आपको लगातार धन हानि होती रहेगी।

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