रक्षा क्षेत्र में मिली बड़ी कामयाबी, भारत ने हासिल किया हाइपरसोनिक स्क्रैमजेट इंजन (HSTDV), जानिए क्या है यह टेक्नोलॉजी?

Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV): भारत हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, रूस, और चीन यह तकनीक तैयार कर चुके हैं। सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा तट के पास डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV) का सफल परिक्षण किया। जिसे स्क्रैमजेट (तेज रफ्तार) इंजन की सहायता से लांच किया गया। रक्षा मंत्री ने ट्वीट कर टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया “मैं प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने और यह उपलब्धि हासिल करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान (डीआरडीओ) की टीम को बधाई देता हूं। मैंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की है और उन्हें बधाई दी, भारत को उन पर गर्व है।”

भारत तैयार कर सकेगा हाइपरसोनिक मिसाइल

जानकारी के लिए बता दें कि भारत अब अगले 5 वर्ष में हाइपरसोनिक मिसाइल डेवेलोप कर सकेगा। इन मिसाइलों की रफ़्तार 2 km/s से ज्यादा होती हैं। और बड़ी बात यह है कि इनसे अंतरिक्ष में सैटलाइट्स भी कम लागत पर लॉच किया जा सकते हैं। इस प्रोजेक्ट की अगुवाई DRDO प्रमुख जी सतीश रेड्‌डी और उनकी हाइपरसोनिक मिसाइल टीम ने की। HSTDV के सफल परिक्षण के से भारत की दूसरी जनरेशन की मिसाइल हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस-II को तैयार करने में भी मदद मिलेगी। इस बारे में DRDO प्रमुख जी सतीश रेड्‌डी ने कहा “देश के लिए टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी है। इस टेस्टिंग से और अधिक महत्वपूर्ण टेक्‍नोलॉजी, मैटीरियल्‍स और हाइपरसोनिक वीइकल्‍स के डेवलपमेंट का रास्‍ता खुलेगा। इस टेस्ट ने भारत को उन चुनिंदा देशों के क्‍लब में ला दिया है, जो ऐसी तकनीकी का प्रदर्शन कर चुके हैं।”

जानिए क्या है हाइपरसोनिक मिसाइल?

DRDO successfully tests fires Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV)

एचएसटीडीवी (हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल- Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle) हाइपरसोनिक मिसाइल भारत के लिए मानव रहित स्क्रैमजेट प्रदर्शन विमान है। HSTDV 6126 से 12251 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।हाइपरसोनिक मिसाइल दो प्रकार की होती हैं पहली हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल और दूसरी हाइपरसोनिक ग्‍लाइड वीइकल। भारत में हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण 20 में सेकंड से भी कम समय लगा था। इन मिसाइलों की गति 3.40 किलोमीटर प्रति सेकेंड है, जिससे यह दुश्मन पर हमला करेगा तो उसके बचने का मौका भी नहीं मिलेगा।

Also Read  Coronavirus Vaccine Tracker: हरियाणा के गृहमंत्री तो वैक्सीन के ट्रायल में शामिल हुए थे, लेकिन उन्हें कोरोना कैसे हुआ?

जानिए क्या है इनमें खास?

HSTDV यानि कि हाइपरसोनिक विमान अपने साथ लॉन्‍ग रेंज और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलें एक साथ ले जा सकता है। इनकी स्पीड आवाज से 6 गुना तेज बताई गई है, यानि कि दुनिया के किसी भी कोने में दुश्मन के ठिकानों को 6 घंटे के भीतर आसानी से टारगेट बना सकती है। इन मिसाइलों को इन्सेप्ट करने का कोई तरीका नहीं होता है। कई देश HSTDV मिसाइलों का का पता लगाने और उन्‍हें नष्‍ट करने की क्षमता हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

DRDO successfully tests fires Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle (HSTDV)

क्या है इस योजना का उद्देश्य?

हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोंट्रेटर व्हीकल यानी एचएसटीडीवी प्रोजेक्ट DRDO की एक महत्वपूर्ण परियोजना में से एक है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सैन्य और नागरिक लक्ष्यों को सेवाएं देना है। भारत में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी का पहला परिक्षण 2019 में किया गया था। हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी की सफल टेस्टिंग के बाद भारत उन कुछ चुनिंदा देशों की श्रेणी में आ खड़ा हुआ है, जहां इस तकनीक का प्रयोग किया जाता है।

Leave a Comment