Dussehra 2020 Kab Hai, Vijayadashami 2020 Date, Tithi, Shubh Muhurat: 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri 2020) शुरू हो चुकी हैं। शारदीय नवरात्रि हिन्दुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसके बाद विजयदशमी (Vijayadashami) अर्थात दशहरा मनाया जाता है। बता दें कि इस बार अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नवरात्रि 8 दिनों में ही बीत जाएगी, और नवें दिन विजयादशमी (Dussehra 2020) का त्यौहार मनाया जाएगा। इस बार दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हिन्दू कलेंडर के अनुसार यह पर्व आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश में रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतले जलाये जाते हैं। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
When Is Dussehra (Vijayadashami 2020 Date): कब मनाई जाएगी इस साल विजय दशमी?
विजयादशमी का पर्व शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) के तुरन्त बाद और दीवाली (Diwali 2020) से कुछ दिनों पहले मनाया जाता है। इस साल हिन्दू कलेंडर के हिसाब से अधिकमास है जिस वजह से नवरात्रि और दशहरा एक साथ है। 17 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू चुकी है, जबकि 24 अक्टूबर को रामनवमी (Ram Navami 2020) है। अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से इस साल विजयदशमी (Vijayadashami 2020) 25 नवम्बर को मनाया जाएगा।
Religious Significance Of Dussehra (Vijayadashami): क्या है दशहरे का धार्मिक महत्व?
दशहरा हिन्दू धर्म के मुख्य त्यौहारो में से एक है। इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था और माता दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। विजय के प्रतीक इस पर्व के दिन पूरे देश में घरों में अस्त्र-शस्त्र की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन किए जाने वाले काम का लाभ मिलता है।
Sharadiya Navratri 2020: मात्र 8 दिनों में ही बीतेंगे नवरात्र
इस बार शारदीय नवरात्र 8 दिनों में ही पूरे हो जाएंगे। इस शारदीय नवरात्र में अष्टमी और नवमी की पूजा एक साथ की जाएगी (Navratri 2020 Ashtami, Navami Tithi)। बता दें कि यह पहली बार नहीं है क्योंकि ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। 24 अक्टूबर को 6:28 तक अष्टमी रहेगी और उसके बाद नवमी लग जाएगी।
Dussehra (Vijayadashami) Shubh Muhurat: विजय दशमी का शुभ मुहूर्त
हर हिन्दू त्यौहार के अपने-अपने शुभ मुहूर्त होते हैं। 25 अक्टूबर के दिन सुबह 7 बजकर 41 मिनट से विजयदशमी तिथि शुरू होगी। इसके बाद 1:55 से 2:40 तक विजय मुहूर्त रहेगा। इसके बाद 1:11 से 3:24 तक अपराह्न पूजा मुहूर्त होगा। 26 अक्टूबर को सुबह 8:29 पर दशमी तिथि (विनयदशमी) समाप्त हो जाएगी।
Dussehra (Vijayadashami) Puja Vidhi: शास्त्र पूजा करने की मान्यता
सनातन धर्म में शुरुआत से ही शस्त्र और शास्त्र दोनों को महत्व दिया गया है। विजयादशमी के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था जिस वजह से इस दिन को अच्छाई के द्वारा बुराई का अंत किये जाने का प्रतीक माना जाता है। दशहरा के दिन शस्त्र पूजा की जाती हैं। यह परम्परा सालों से कायम हैं। क्षत्रिय/राजपूतों के लिए दशहरा पूजन विधि:
साधक को इस दिन प्रातः जल्दी उठ कर स्नानादि नित्य कर्म से निवृत्त होकर निम्न संकल्प लें:
मम क्षेमारोग्यादिसिद्ध्यर्थं यात्रायां विजयसिद्ध्यर्थं
गणपतिमातृकामार्गदेवतापराजिताशमीपूजनानि करिष्ये।