Aatm Nirbhar Bharat Abhiyan Package: हाल ही में दुनिया की गिरती हुई अर्थव्यवस्था को देखते हुए आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री ने देश को स्वेदशी अपनाने और स्वदेशी को प्रोत्साहन देने का सन्देश दिया है जिससे की देश की अर्थव्यवस्था को बढावा मिल सके। हाल ही में देश की वित्तमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के आर्थिक पैकेज की योजना की पाचवी (अंतिम) किश्त पेश की हैं।
लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर होगा जोर
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक पैकेज के पांचवी और अंतिम किश्त में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉ पर जोर दिया जाएगा। वित्तमंत्री ने इस पैकेज के दौरान 7 कदमों की घोषणा की जिसमें मनरेगा, हेल्थ एंड एजुकेशन, बिजनेस, पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, डी-क्रिमिनलाइजेशन ऑफ कम्पनीज ऐक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, राज्य सरकारें और उन्हें दिए गए रिसोर्सेज आदि शामिल हैं।
जानिए क्या होगा खास?
• हेल्थ सेक्टर में सरकारी खर्च को बढ़ा दिया गया है। हर डिस्ट्रिक्ट में इस पैकेज के तहत इन्फेक्शियस डिजीज ब्लॉक बनाया जाएगा जिसके लेवल पर पब्लिक हेल्थ लैब्स भी सेटअप की जाएगी जिससे की मरीजों को अधिक सुविधाएं मिलेगी।
• मजदूरों के लिए मनरेगा के 61,500 करोड़ के बजट अलॉकेशन के अलावा 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे जो मजदूर घर लौट रहे हैं उन्हें अपने ही राज्य में काम मिल सकेगा जिससे की उन्हें विकट परिस्थियों में वापस से प्रवास करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
• इस पैकेज के दौरान पीएम ई-विद्या प्रोग्राम को भी शुरू किया जाएगा जिसके तहत विद्यार्थियों को काफी लाभ मिलेगा। हर क्लास के लिए टीवी चैनल को शुरू किया जाएगा। दिव्यांग बच्चों के लिए नया स्टडी मेएरियन उपलब्ध करवाया जाएगा। काफी सारी बेहतरीन यूनिवर्सिटीज को ऑनलाइन कोर्सेज शुरू करने की परमिशन दी जाएगी।
• इसके अलावा कोविड-19 के दौरान दिवालियेपन की प्रक्रिया की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर दी गयी है। एक साल कोई दिवालियेपन की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी।
• भारतीय कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। भारतीय कम्पनियों को यह अधिकार मिलेगा की विदेशी अधिकार क्षेत्र में नॉन पब्लिक कम्पनियों को सीधे लिस्ट करवा सके।
• कोरोनावायरस के चलते अप्रेल तक टैक्स रेवेन्यू के रूप में राज्यो को 46 हजार 38 करोड़ रुपये दिए गए हैं। रिजर्व बैंक ने राज्यों के ओवरड्राफ्ट पिरियड को बढा दिया है। राज्य अपनी जीडीपी की 5 परसेंट तक की रकम ले सकेंगे।
• हेल्थ प्रोफेशनल के लिए 50 लाख तक के इंश्योरेंस का प्रबंधन किया गया। हेल्थ वर्कर्स को मदद पहुचाई गयी। 4 हजार 113 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए और 3750 करोड़ रुपये के जरूरी उपकरण खरीदे गए। देश में 300 से ज्यादा मैन्युफेक्चर PPE किट्स बना रहे हैं।