Coronavirus was Spread by Bats in China’s Mine: साल 2020, आज की जनरेशन के लिए अब तक का सबसे भयानक साल बन चुका है। इस साल को खराब मानने का सबसे बड़ा कारण कोरोना वायरस है। पिछले साल नवंबर से कोरोनावायरस के केस चीन के वुहान शहर में आने लगे थे और आज यह वायरस पूरी दुनिया के दो करोड़ लोगों को जकड़ चुका है जिसमें से 27 लाख से अधिक लोग भारत के भी हैं। लेकिन हाल ही में सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोनावायरस 7 साल पहले चीन में पैदा हो चुका था।
चीन की खदान से हुई कोरोना की शुरुआत
दरअसल हाल ही में वैज्ञानिकों ने अपनी एक रिसर्च में पाया कि चीन में 7 साल पहले वर्ष 2012 में एक खदान में 6 मजदूर निमोनिया जैसे एक वायरस से पीड़ित हुए थे जो चमगादड़ के द्वारा फैलाई गई गंदगी साफ कर रहे थे। इस बीमारी से उन 6 मजदूरों की हालत काफी खराब हो गई थी और उनमें से तीन की मौत भी हो गई। रिपोर्ट के अनुसार यह पता लगा कि इस घटना का चीन की वुहान लैब से भी संबंध था।
आखिर क्या थी 2012 की यह घटना?
साल 2012 में चीन के दक्षिण-पश्चिम इलाके में यून्नान प्रांत की मोजियांग खदान की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। इस खदान में काम करने वाले 6 मजदूर अचानक से बुरी तरह से बीमार पड़ने लगे और उनमें से तीन मजदूरों की मौत भी हो गई। मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर का कहना था कि इन्हें तेज बुखार, सूखी खांसीं, हाथ-पैर में दर्द और कुछ मामलों में सिरदर्द था। इसे उस समय निमोनिया माना गया लेकिन यह सारे कोरोनावायरस के लक्ष्ण थे।
वुहान की लैब से कैसे है इस घटना का सम्बन्ध?
जिस खदान में बीमारी ने मजदूरों को पकड़ा था वह खदान वुहान से करीब 1000 मील दूर थी, लेकिन इसके बावजूद भी इस घटना को वुहान की लैब से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल मजदूरों के सैंपल टिशू वुहान लैब भेजे गए थे। न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में जोनाथन ने दावा किया है कि कोरोना वायरस वहीं से लीक हुआ था। वुहान की इस लैब में इस बात का पता लगाया गया था कि चमगादड़ से ही यह घातक वायरस निकला है।
लैब पर लगे कई आरोप
जब कोरोनावायरस शुरुआत में फैल रहा था तो सभी का यही मानना था कि यह वायरस वुहान के एक ऐसे बाजार से फैला था जहाँ जानवरो का कारोबार चल रहा था। लेकिन कई लोगों ने उस समय आरोप लगाए थे कि यह वायरस वुहान की लैब से लीक हुआ है जहाँ पर इस पर रिसर्च की जा रही थी। इस लैब में चमगादड़ों से फैलने वाले वायरसों के ऊपर रिसर्च की जाती है। लैब के वैज्ञानिकों ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि कोरोनावायरस की रिसर्च, लैब में वायरस फैलने के बाद ही की गयी थी।