FMGE EXAM – आपको बता दें की विदेश से MBBS करने वाले छात्रों में से सिर्फ 10% छात्र ही ऐसे हैं जो FMGE की परीक्षा पास कर सके है। बता दें, गत्त वर्ष आए FMGE परीक्षा के परिणाम की तुलना में इस बार के परिणाम में 13.3 % की गिरावट आई है। भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने का मौका सिर्फ पास हुए कुछ छात्रों को ही मिलेगा। विदेश से MBBS करके आने वाले सिर्फ दस प्रतिशत छात्र ही भारत में प्रैक्टिस कर पाएंगे।
FMGE EXAM – छात्र विदेश कम पैसों में लेने जाते है डिग्री
भारत से हर साल लाखों की मात्रा में छात्र MBBS की पढ़ाई करने के लिए विदेशों में जाते है। इसका भी एक कारण यह हैं की विदेशों में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए अभ्यर्थियों को कम खर्चा करना पड़ता है जिसकी वजह से हर साल भारी मात्रा में छात्र एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के लिए विदेशों में जाते हैं। जो छात्र विदेशों में MBBS की डिग्री हासिल करने जाते है उन्हें भारत में मेडिकल का अभ्यास करने के लिए पहले फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन पास करना होता है।
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जो भी छात्र इस परीक्षा को पास कर लेता है भारत में मेडिकल प्रैक्टिस करने का मौका सिर्फ उसे ही दिया जाता है। आपको बता दें की NBE के द्वारा फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन का आयोजन साल में दो बार किया जाता है। हाल ही में ही इस एग्जाम का आयोजन 4 जून 2022 को किया गया था। जिसके बाद इस साल रिजल्ट से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
FMGE का रिजल्ट गत्त वर्ष से भी कम आया –
FMGE EXAM – आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर वर्ष हजारों अभ्यर्थी इस एग्जामिनेशन में भाग लेते हैं। लेकिन कुछ छात्र ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। इस परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर यह तय होना था कि इस वर्ष कितने छात्रों को मेडिकल प्रैक्टिस के लिए भारत में मौका दिया जाएगा लेकिन हमारे सामने कुछ ऐसे आंकड़े आये है जो पिछले साल से भी कम है।
बता दें, इस परीक्षा में 22092 स्टूडेंट ने भाग लिया था जिसमें से मात्र 2346 अभ्यर्थी ही पास हो पाए हैं I इस वर्ष के परिणाम में पिछले वर्ष की तुलना में भारी गिरावट आई है। जिसके कारणवश इस वर्ष सिर्फ 2346 अभ्यर्थी ही भारत में मेडिकल प्रैक्टिस कर पाएंगे।
FMGE EXAM – पिछले वर्ष की तुलना में FMGE के रिजल्ट में आई है भारी गिरावट
आपको बता दें की दिसंबर 2021 में NBE के द्वारा फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन का आयोजन किया गया था जिसमे इस परीक्षा का परिणाम 23.95 फ़ीसदी रहा था। और अगर बात करें इससे पहले की तो जून 2020 में फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जामिनेशन का परिणाम 9.53 प्रतिशत रहा था। लेकिन इस बार FMGE का परिणाम लगभग 10% ही रहा है। देखा जाए तो पिछले वर्षों की तुलना में लगातार फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन को पास करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आ रही है। अगर बात करें कुछ वर्ष पहले की तो FMGE परीक्षा का औसत परिणाम 20 से 22 फ़ीसदी तक रहता था।
FMGE परीक्षा इसके पैटर्न और नियमों के चलते हर बार रहती है विवादों में –
FMGE EXAM – वह परीक्षा अपने नियमों के कारण भी काफी विवादों में रहती है। क्योंकि यह परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाती है और परीक्षा के बाद ना ही FMGE की उत्तर पत्रिका जारी की जाती है और ना ही छात्रों को कुएस्शन या आनस्वर पर ऑब्जेक्शन करने का मौका दिया जाता है।
NBE के द्वारा परीक्षा के बाद सीधा रिजल्ट ही डिक्लेअर किया जाता है। इस परीक्षा के लिए कटऑफ भी पहले से ही निर्धारित होती है। FMGE परीक्षा कुल 300 अंक की होती है, जिसमें पास होने के लिए अभ्यर्थियों को 150 अंक हासिल करना अनिवार्य होता है।