Haridwar Mahakumbh Mela 2021 Shahi Snan Date: महाकुंभ में शाही स्नान के लिए निर्धारित की गई है ये दिनांक

Haridwar Mahakumbh Mela 2021 Shahi Snan Date: कुंभ का मेला कोई साधारण मेला नहीं बल्कि एक महापर्व होता है जो पूरे देश में उल्लास से मनाया जाता है। महान सनातन धर्म में इस मेले का अपना ही एक अलग महत्व है। कहा जाता है कि कुंभ के दौरान पवित्र नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाया करते हैं। महाकुंभ के दौरान करोड़ों लोग मेले में शामिल होते हैं और उस दौरान यह दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला इलाका बन जाता है। सनातन धर्म का हर एक व्यक्ति चाहता है कि वह अपने जीवन में एक न एक बार तो महाकुंभ स्नान जरूर करें। हरिद्वार महाकुंभ मेला (Haridwar kumbh Mela 2021) निकट है और इसकी शाही स्नान की दिनांक निर्धारित कर दी गयी है।

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Haridwar Mahakumbh Mela 2021 Shahi Snan Date

11 मार्च को होगा प्रथम शाही स्नान

11 मार्च 2021 को महा शिवरात्रि के दिन पृथ्वी पर गंगा की उपस्थिति का श्रेय महादेव शिव को दिया जाता है, जिन्होंने स्वर्ग से एक विशाल बल के साथ उतरते हुए माँ गंगा को अपने तांडव से बंद कर दिया था और उसे अपनी जटा में बसा लिया था। इस दिन एक शादी स्नान को आध्यात्मिक रूप से श्रेष्ठ माना जाता है। 11 मार्च को प्रथम शाही स्नान होगा।

12 अप्रेल 2021 को होगा दूसरा शाही स्नान

12 अप्रेल 2021 के दिन सोमवती अमावस्या है इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि चंद्रमा जल का कारक है और अमावस्या के दिन शाही स्नान को अमृत के समान माना जाता है। ऐसे में इस दिन दूसरा शाही स्नान निर्धारित किया गया है। इस दिन शाही स्नान करना भी श्रेष्ठ माना जाता है।

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14 अप्रेल को होगा तीसरा शाही स्नान

14 अप्रैल 2021 अर्थात बैसाखी, मेष संक्रांति के दिन नदियों का पानी अमृत में बदल जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र गंगा में शाही स्नान करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं। ऐसे में 14 अप्रेल के दिन तीसरे शाही स्नान की तिथि निर्धारित की गयी है।

27 अप्रैल 2021 के दिन होगा चौथा शाही स्नान

27 अप्रेल 2021 के दिन चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी जिस दिन पवित्र गंगा में स्नान करने के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है और इसे लोकप्रिय रूप से ‘अमृत योग’ के दिन के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप उतर जाते हैं और उसे माँ गंगा से आशीर्वाद मिलता है।

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