Coronavirus Vaccine Tracker: कोरोनावायरस ने न केवल भारत और अमेरिका जैसे बड़े देश बल्कि पूरी दुनिया में कहर मचा दिया। पिछले कई महीनों से इस वायरस की वैक्सीन पर काम चल रहा है, लेकिन नई बीमारी होने के कारण जल्दबाजी करना ठीक नहीं है अथवा वैक्सीन के साइड इफेक्ट काफी खतरनाक हो सकते हैं। अमेरिका, रूस और ब्रिटेन जैसे कई देशों में वैक्सीन के ऊपर जोरों शोरों से काम चल रहा है। भारत भी इस दौड़ में किसी से पीछे नहीं है। भारत में एक नहीं बल्कि एक से अधिक वैक्सीन अपने लास्ट ट्रायल फ्रेज में हैं। हाल ही में हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज जो कि स्वास्थ्य गतिविधियों में भी काफी एक्टिव है, वैक्सीन के आखरी ट्रायल में शामिल हुए थे। लेकिन हाल ही में वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
Covid-19 Vaccine: वैक्सीन के ट्रायल में शामिल हुए अनिल विज को हुआ कोरोना
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज हाल ही में कुछ दिन पहले सुर्खियों में आए थे, जब यह खबर सामने आने लगी थी कि वह भारत बायोटेक और आईसीएमआर के द्वारा बनाई गई वैक्सीन के अंतिम ट्रायल में वह शामिल हो रहे हैं। लेकिन अब वह पहले से भी ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे हैं, जब यह बात पता चली कि वैक्सीन के आखिरी ट्रायल में शामिल हुए अनिल विज को 15 दिन बाद ही कोरोना हो गया। अनिल विज जो कि स्वास्थ्य गतिविधियों में भी काफी एक्टिव हैं, उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए इस बात की जानकारी दी और बताया कि जो लोग उनसे पिछले कुछ समय में मिले हैं उन्हें भी कोरोना टेस्ट कराना चाहिये।
Coronavirus Vaccine Tracker: भारत बॉयोटेक और ICMR ने मिलकर बनाई थी वैक्सीन
अनिल विज जिस वैक्सीन के ट्रायल में शामिल हुए थे वह वैक्सीन सबसे अधिक सुर्खियों में है। भारतीय लोगों को इस वैक्सीन से काफी उम्मीद भी है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और ICMR (इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च) ने मिलकर बनाया है। भारत बॉयोटेक हैदराबाद की मशहूर कम्पनी है जो चिकित्सा के क्षेत्र में कई इनोवेशन में अपना नाम शामिल कर चुकी है। भारत बायोटेक की इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के द्वारा बनाई गई इस वैक्सीन के ट्रायल देश भर में 25 से भी अधिक जगह पर चल रहे हैं।
क्या वैक्सीन के ट्रायल में शामिल हुए अनिल विज को कोरोना होना चिंता की बात है?
वैक्सिंग के ट्रायल में शामिल हुए अनिल विज को कोरोना होने से लोगों के दिमाग में इस बात इसको लेकर चिंता भी बढ़ गई है। लेकिन यह कोई चिंता की बात नहीं है। दरअसल वैक्सीन का ट्रायल यही देखने के लिए किया जा रहा है कि यह कितनी असरदार है और कितनी नहीं! ब्रिटेन में जिस व्यक्ति द्वारा वैक्सीन अप्रूव किया गया उस पर भी ऐसे कई ट्रायल हुए थे, और ऐसे कई नतीजे सामने आए। जानकारी के लिए बता दें कि इस वैक्सीन के फेज-3 के ट्रायल्स में 25,800 वॉलंटियर शामिल होने हैं जिनमें से आधों को असली वैक्सीन लगेगा और आधों को प्लेसेबो यानी सलाइन का पानी दिया जाएगा।
इसके बाद इन सभी लोगों पर निगरानी रखी जाएगी। सभी लोगों की प्रतिक्रिया देखी जाएगी, और इन प्रतिक्रियाओं के अनुसार ही दोनों समूहों की तुलना की जाएगी। इस तरह से यह पता लगाया जाएगा कि यह वैक्सीन असरदार है या नहीं। ब्रिटेन के द्वारा अप्रूव की गई वैक्सीन फाइजर का असर चेक करने के लिए 44 हजार लोगों को ट्रायलो में शामिल किया। इनमें से 170 लोगों को कुछ महीने में फिर से कोरोना हो गया। इनमें से 162 लोगों को प्लेजबो तो 8 लोगों को वैक्सीन दिया गया था। इससे पता चला कि वैक्सीन 95 प्रतिशत असरदार है। इसी के बाद ब्रिटेन सरकार ने वैक्सीन को अप्रूव किया और कुछ दिनो में यह वैक्सीन ब्रिटेन में मरीजों और सामान्य लोगों को देना शुरू कर दी जाएगी।