सन 1972 में 5 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा पहली बार पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया गया था। उसके बाद से लेकर हर साल 5 जून को पूरी दुनिया मे ‘पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता हैं। पर्यावरण दिवस के दिन पूरी दुनिया में विभिन्न संस्थाओ और शिक्षण संस्थाओं के द्वारा पर्यावरण को लेकर लोगो मे जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम लिए जाते हैं। आज 5 जून हैं और 5 जून को ही पर्यावरण दिवस को मनाया जाता हैं। यह एक अंतरराष्ट्रीय दिवस हैं लेकिन इस दिन जश्न मनाने को नही बल्कि पर्यावरण व प्रकृति को प्राथमिकता देने और लोगो में पर्यावरण के महत्व को जागरूक करने पर बल दिया जाता है। पर्यावरण दिवस 2021 के इस अवसर पर हम कुछ रोचक लेकर आये हैं। इस लेख में हम ‘कोरोना से पर्यावरण पर पड़े प्रभाव’ के बारे मे बात करेंगे।
पर्यावरण दिवस 2021 : जाने कोरोना से कितना प्रभावित हुआ पर्यावरण
कोरोना महामारी का दुनिया भर की इकोनॉमी और व्यवस्थाओं पर वाकई में नकारात्मक प्रभाव पड़ा। लाखो की तादात में लोग बेरोजगार हुए, दुनिया भर की सरकारों का विरोध और समर्थन किया गया और न जाने कितने ही क्षेत्रों पर इसने नकारात्मक प्रभाव डाला। लेकिन एक क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिला और वो क्षेत्र हैं पर्यावरण! प्रकृति। कोरोना के दौरान लोग घरों में बंद रहे हैं, फैक्ट्रियां बन्द रही और प्रदूषण काफी कम हुआ। पेड़ कम काटे गए तो पर्यावरण को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हानि कम हुई। जब इंसान घरो में बंद थे तब प्रकृति को खुलकर सांस केने का मौका मिला।
कोरोना के कारण दुनिया मे भर में कई देशों में लंबे समय तक लगाया गया जिसकी वजह से प्रदूषण काफी कम हो गया। जल प्रदूषण कम हुआ तो जंगलों और पेड़-पौधों को नुकसान भी कम हुआ। ऐसे में पेड़-पोधो की संख्या में बढ़ोतरी देखी गयी और प्रदूषण में काफी कमी आयी। इसके अलावा कोरोना को कई लोगो ने प्राकृतिक आपदा भी माना। कोरोना से प्रभावित हुए कई लोगो के मन मे प्रकृति को लेकर एक विशेष जगह बनी तो ऐसे में उन्होंने प्रकृति की तरफ विशेष ध्यान देते हुए पेड़ पौधे लगाए। गाड़ियों और फेक्ट्रियो आदि के बन्द रहने से हवा भी काफी स्वच्छ हुई। लेकिन एक जो नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला वो यह था कि कीटाणुनाशक, मास्क, दस्ताने जैसे कचरो की भरमार बढ़ गई जिससे पर्यावरण थोड़ा दूषित हुआ।