Loan Moratorium: अगर लॉकडाउन के दौरान भी वक़्त पर दी है EMI, तो बैंक की तरफ से मिलेगा कैशबैक

Loan Moratorium: कोरोनावायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है सिवाय चीन के। इस लॉकडाउन के दौरान लोगों के काम धंधे बन्द थे, जिस वजह से अधिकतर लोग लोन की EMI भरने में असमर्थ थे। ऐसे में सरकार ने लोन मोराटोरीयम (Loan moratorium) जारी किया था, जिसमें कर्जदारों को लम्बे समय तक (लॉकडाउन के दौरान) EMIs भरने की जरूरत नहीं पड़ी। अधिकतर लोगों ने इसका फायदा उठाया। लेकिन जिन लोगों ने लॉकडाउन के बावजूद भी EMIs और सभी किश्तें चुकाई थी, उन्हें सरकार की तरफ से काफी बेहतरीन उपहार मिला है।

बैंक की तरफ से मिलेगा कैशबैक

कोरोनावायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान कर्जदारों को राहत देने के लिए लोन मोराटोरियम (Loan moratorium) जारी किया गया था, जिससे कि कर्जदारों को काफी राहत मिली थी। लेकिन इस दौरान भी कई लोगों ने लगातार किश्ते चुकाई। अब उन लोगों को बैंक से अच्छा-खासा कैशबैक मिलने वाला है। दरअसल हाल ही में केंद्र सरकार ने लोन मोराटोरियम के दौरान ब्याज दर को लेकर अपना बयान दिया। इस दौरान यह बात बताई गयी कि जिन लोगों ने लॉकडाउन के दौरान भी लगातार किश्तें भरी हैं उन्हें अब बैंको की तरफ से कुछ केशबैक मिलेगा।

Loan Moratorium

1 मार्च से लेकर 31 अगस्त तक था ये लोन मोराटोरियम

बता दें कि यह लोन मोराटोरियम (Loan moratorium) एक मार्च से लेकर 31 अगस्त तक था। अगर आपने इस बीच अपने सभी लोन्स और उनकी किश्तें लगातार चुकाई हैं तो ही आपको आपके बैंक की तरफ से रिवॉर्ड मिलेगा। बता दें कि 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा की गई थी और उसके बाद इसे समय समय पर बढ़ाया गया था। लोन मोरटोरियम 1 मार्च से लेकर 31 अगस्त तक था। इसके चलते किसी भी कर्जदार को EMIs और अन्य प्रकार की किश्ती भरने से छूट मिली।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया मोराटोरियम पर फैसला

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने भी लोन मोराटोरियम (Loan moratorium) पर अपना फैसला दिया है। लोन मोराटोरियम पीरियड के दौरान ब्याज पर ब्याज का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सरकार ने कहा कि कर्जदारों को ब्याज पर ब्याज नहीं भरना होगा। इससे सरकारी खजाने पर करीब 7000 करोड़ तक का असर पड़ सकता है। यानी कि सुप्रीम कोर्ट ने कर्जदारों के पक्ष में फैसला लिया है। जो बैंक इस अवधि में योगदान देने की जगह फायदा उठाने की कोशिश कर रहे थे उनके इरादों पर सुप्रीम कोर्ट ने पानी फेर दिया।

6 महिने के सिंपल इंटरेस्ट डिफरेन्स का लाभ मिलेगा ग्राहकों को

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह बात साफ हो गई कि जिन लोगों ने लॉकडाउन के दौरान ईएमआई नहीं चुकाई उन्हें किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठने लगे कि जिन लोगों ने जैसे तैसे करके लॉकडाउन के दौरान भी EMI चुकाई है, उन्हें क्या फायदा होगा? ऐसे में सरकार ने बताया कि जिन लोगों ने मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया उन्हें बैंको की तरफ से कैशबैक दिया जाएगा। बता दें कि जिन लोगों ने मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया उन्हें 6 महीने के सिंपल और कम्पाउंड इंट्रेस्ट में डिफरेंस का लाभ मिलेगा।

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