School Reopening Date In MP: हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा कोरोना काल में स्कूलों को वापस खोलने को लेकर एक बड़ा बयान दिया गया है जो अभिभावकों को संतुष्टि प्रदान करता है। दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दिए गए अपने बयान में कहा कि मध्यप्रदेश में 30 मार्च तक आठवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल बंद रहेंगे। अगर बच्चे चाहें तो ऑनलाइन क्लासेज ले सकेंगे लेकिन स्कूल बंद करने का आदेश राज्य के लगभग सभी स्कूलों यानी कि MP Board और CBSE स्कूलों पर लागू होगा। लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान यहीं नहीं पूरा हुआ क्योंकि उन्होंने यह भी कहा कि इस साल पांचवी और आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा नहीं ली जाएगी। सीबीएससी से जुड़े स्कूलों की परीक्षा का निर्णय केंद्र के हाथ में है।
पहले 31 दिसम्बर तक बंद रहने थे स्कूल
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से कुछ समय पहले ही यह बयान दिया गया था कि 31 दिसंबर तक सभी स्कूल बंद रहेंगे। मध्य प्रदेश की सरकार के साथ अन्य कई राज्य सरकारों ने भी इस प्रकार का बयान दिया था। 31 दिसंबर आई भी नहीं कि मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से यह महत्वपूर्ण बयान लागू हुआ कि अब आठवीं तक के बच्चों के लिए स्कूल 31 मार्च तक नहीं खुलेंगे। रिकॉर्ड की मानें तो कोरोना के समय में स्कूलों को खोलने और बंद रखने का अधिकार राज्य सरकार के पास ही है। लेकिन 8वी से ऊपर की कक्षाएं और कॉलेज शुरू होने की संभावनाएं नज़र आ रही हैं। 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी होगी और नवी और बारहवीं कक्षा के छात्रों को सप्ताह में एक या 2 दिन स्कूल बुलाया जाएगा लेकिन अन्य कक्षा के छात्रों को स्कूलों में अधिक बुलाया जाएगा ताकि वह सिलेबस कवर कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कही नैतिक शिक्षा पर जोर देने की बात
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने इस महत्वपूर्ण बयान से पहले स्कूल शिक्षा विभाग के साथ एक बैठक भी की थी जिसमें उन्होंने नैतिक शिक्षा पर जोर देने की बात कही थी। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मध्य प्रदेश की शिक्षा प्रणाली को सबसे अधिक बेहतर बनाने के लिए इसमें एक रेडिकल परिवर्तन लाना होगा। शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए मार्गदर्शन के तौर पर शिक्षाविदों की एक टीम बनाई जाएगी। शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि मध्य प्रदेश में एक ऐसी शिक्षा प्रणाली होनी चाहिए जिसमें छात्रों को ज्ञान और कौशल के साथ संस्कार भी दिए जाए ताकि वह देश के एक बेहतरीन नागरिक बन सकें। इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान ने अगले 3 वर्षों में खोले जाने वाले दस हजार स्कूलों की गुणवत्ता के लिए प्लान बनाने की बात पर जोर भी दिया।
निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी फीस न लेने की कही बात
कोरोना वायरस के चलते अधिकतर लोगों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा जिसके चलते सामान्य लोगों के पास अभी ज्यादा पैसा नहीं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि मध्यप्रदेश में कोरोना काल में कितने समय तक स्कूल बंद रहे, उस अवधि के लिए स्कूल के मालिक और स्टाफ ट्यूशन फीस के अलावा और कोई फीस छात्रों और उनके अभिभावकों से न ले। इस आदेश को सख्ती से लागू करने की बात भी कही गयी है, ताकि सामान्य लोगों पर अधिक लोड न पड़े।