Indian Army Day History & Facts: 15 अगस्त का इतिहास तो हम सभी जानते हैं लेकिन क्या आप 15 जनवरी के बारे में जानते हैं। काफी कम लोगों को पता है कि 15 जनवरी के दिन आर्मी डे (Indian Army Day) यानी कि सेना दिवस (Sena Diwas) मनाया जाता है। जिन लोगों को सेना दिवस के बारे में पता है उनमें से भी कम लोग ही जानते होंगे कि सेना दिवस क्यों मनाया जाता है या फिर सेना दिवस के पीछे का इतिहास क्या है? इस लेख में हम 15 जनवरी को मनाए जाने वाले सेना दिवस के विषय पर बात करेंगे और जानेंगे कि सेना दिवस क्यों मनाया जाता है?
When Is Army Day: कब मनाया जाता है सेना दिवस?
सेना दिवस 15 जनवरी को मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय त्यौहार है, जो देश के आर्मी कैंपों और कई इस प्रकार की संस्थाओं में काफी धूम धाम से मनाया जाता है। यह एक ऐसा दिन होता है जब विशेष रूप से पूरा देश थल सेना की वीरता, अदम्य साहस, शौर्य और उसकी कुर्बानी को याद करता है। या कहा जा सकता है कि सेना दिवस पूरी तरह से थल सेना को समर्पित है। हमारी थल सेना हमें सुरक्षित रखती है और हम उनकी वजह से ही सुकून से जी पाते हैं।
हमारी सुरक्षा के लिए कई सैनिकों को जान भी गवानी पड़ती है ऐसे में सेना दिवस हर व्यक्ति को मनाना चाहिए। 15 जनवरी का दिन यानी कि सेना दिवस फील्ड मार्शल केएम करियप्पा को समर्पित माना जाता है। यह वही व्यक्ति थे जिन्होंने 1947 में भारत-पाक युद्ध में भारतीय आर्मी की कमान संभाली थी। इसके बाद 1949 में 15 जनवरी के दिन ही उन्होंने अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर की जगह ली थी।
History Of Indian Army Day: क्यों मनाया जाता है आर्मी दिवस?
बात उस समय की है जब देश को आजादी मिल गयी थी। हर जगह और हर व्यक्ति के मन में खुशियों की लहर थी। लेकिन इसके बावजूद भी देश मे कई प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न हो चुकी थी। स्थिति के नियंत्रण के लिए आख़िरकार सेना आगे आई। उस समय सेना में करीब 2 लाख सैनिक ही थे। यह सब करियप्पा के नेतृत्व में हुआ था। 15 जनवरी 1949 को फील्ड मार्शल के एम करियप्पा स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। उसी दिन से हर साल सेना दिवस मनाया जाता है। 15 जनवरी 2021 को देश में 73वां सेना दिवस मनाया जाएगा।