Indian Railway Private Trains: भारतीय रेलवे का अब तेजी से निजीकरण हो रहा है। देश में सरकारी ट्रेनों के साथ अब प्राइवेट कंपनियों की ट्रेने भी चलेगी। इससे यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिल सकेगी। भारतीय रेलवे की दूसरी प्री बिड कॉन्फ्रेंस में कनाडा की बॉम्बार्डियर, फ्रांस की अलस्टॉम, जर्मनी की सीमेंस सहित कई अन्य कंपनियों ने भारत में प्राइवेट ट्रेन चलाने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
23 कम्पनियों ने दिखाई रेलवे निजीकरण में अपनी रुचि
भारत विदेशी कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार है। इसका मुख्य कारण भारत की अधिक जनसंख्या है। इस बात में कोई शक नहीं है कि अगर कोई कंपनी भारत में अपनी प्राइवेट ट्रेन चलाएगी तो उस कम्पनी के लिए एक प्रॉफिटेबल सौदा रहेगा। भारत की जीएमआर, वेदांता, भारत फोर्ज, स्टरलाइट पॉवर, मेधा, आई बोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, आईआरसीटीसी, बीएमईएल और कई विदेशी कंपनियों जैसे की कनाडा की बॉम्बार्डियर, फ्रांस की अलस्टॉम, जर्मनी की सीमेंस, आदि 23 कंपनियों ने एप्लीकेशन दी है।
30 हजार करोड़ तक के निवेश की संभावना
12 अगस्त को रेलवे ने अपनी दूसरी प्री बिड कॉन्फ्रेंस रखी थी। इससे पहले भी एक प्री बिड कॉन्फ्रेंस रखी गयी थी जिसमें करीब 16 कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इन कॉन्फ्रेंस में भारतीय रेलवे ने अपने प्लान और जरूरतों को कंपनियों के सामने रखा। उम्मीद की जा रही है कि सरकार को प्राइवेट कंपनियों से इस नए प्रोजेक्ट के लिए करीब 30 हजार करोड़ का निवेश मिल सकता है।
2023 तक 12 प्राइवेट ट्रेन चलने की संभावनाएं
रेलवे ने इस बात को कन्फर्म कर दिया है कि अब जल्द ही पटरियों पर प्राइवेट ट्रेन भी दौड़ती हुई दिखेगी। इससे यात्रियों को अधिक राहत मिल सकेगी। भारतीय रेलवे प्राइवेट कंपनियों की ट्रेनों को पटरी पर जल्द उतारने के लिए जोरों शोरों से तैयारियां कर रही हैं। भारतीय रेलवे ने यह वादा किया हैं कि अप्रेल 2023 तक पहली प्राइवेट ट्रेन शुरू कर दी जाएगी।
प्राप्ते हुए आकड़ों के अनुसार कहा जा सकता है कि भारतीय रेलवे की तैयारी के अनुसार 2022-23 तक 12 प्राइवेट ट्रेनें शुरू करने की तैयारी है। इसके बाद भी साल 2023-24 में 45 ट्रेनें शुरू होंगी। साल 2025-26 में 50 ट्रेनें शुरू करने की तैयारियां है। वही 2026-27 में 44 ट्रेनें शुरू की जाएंगी। यानी कि आने वाले समय में यात्रियों के पास सुविधानुसार चुनाव करने के लिए अधिक विकल्प रहेंगे।
एक ट्रेन में होंगे 16 कोच
भारतीय रेलवे के द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार प्राइवेट ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इन ट्रेनों में करीब 16 कोच होंगे, और हर एक कोच को बनाने की कीमत 6.5 लाख से लेकर 7 लाख तक होगी। बताया जा रहा है कि कुल 2,400 कोच बनाने की तैयारी है।
बाजार के मुताबिक तय होगा किराया
रेलवे के निजीकरण पर कई लोगों ने भारतीय रेलवे पर सवाल उठाए हैं। भारतीय रेलवे ने इन सभी सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि प्राइवेट कम्पनियाँ टिकट की कीमत अपने अनुसार तय कर सकेगी, लेकिन इन टिकटों की कीमत, बार कीमत के अनुसार ही निर्धारित होगी। बता दें की रेलवे एक्ट के अनुसार केवल केंद्र सरकार या रेलवे मंत्रालय ही ट्रेन के किराये को निर्धारित कर सकता है। रेलवे का यह निजीकरण एक कॉन्ट्रैक्ट पर है। सरकार 35 साल के लिए 109 रूट पर 151 ट्रेन प्राइवेट कम्पनियों को देंगी।