Invention of Motorwagen in Hindi: आज के समय में हमारे पास एक से बढ़कर एक एडवांस गाड़ियां हैं। आधुनिक तकनीकी के चलते गाड़ियों में ऐसे सेंसर भी हैं कि ड्राइवर की भी जरूरत नहीं। अगर आपको यकीन नहीं होता है तो जरा यूट्यूब पर Tesla की Self Driving की वीडियोज देख लीजिए। यह गाड़ियां अमेरिका व अन्य कई देशों में चल रही हैं। जल्द ही भारत मे भी एंट्री लेने वाली है। BMW जैसी कुछ कंपनियां तो ऐसी गाड़ियों पर काम कर रही है जिसमें स्टेयरिंग तक नहीं है और खुद के इमोशन्स भी है। कुछ कंपनियां ऐसे प्रोजेक्ट्स पर भी कम कर रही हैं जिससे कि एक भार तक को हवा में ले जाया जा सकता है। इससे पता लगता है कि यह टेक्नोलॉजी कितनी एडवांस जा चुकी है।
आज के समय में हमारे पास हर तरह की एडवांस गाड़िया हैं। कुछ डीजल पेट्रोल से चल रही हैं, तो कुछ इलेक्ट्रिसिटी से चल रही हैं, तो कुछ बायो डीजल से भी चल रही है। लेकिन आज सामने ऐसी एडवांस गाड़िया है इसलिये हो सकता है आज से हजारों सालो पहले किसी आदिमानव ने पहिये का अविष्कार क़िया हो। खैर, उसका सटीक नाम तो हम नहीं बता सकते लेकिन हम आधुनिक गाड़ियों के शुरुआत के बारे में जरूर बात कर सकते हैं। आधुनिक गाड़ियों की शुरुआत का अर्थ इंजन गाड़ियों की शुरुआत से है। इंजन गाड़ियां वाकई में यातायात के क्षेत्र में एक वरदान जैसी है। आज के समय में इंजन गाड़ियां जैसी दिखती है और जिन सुविधाओं के साथ आती है शुरुआत में ऐसी नहीं थी, लेकिन उसी शुरुआत की वजह से आज हमारे पास इतनी आधुनिक गाड़ियां हैं।
आज के इस लेख में हम ‘गाड़ी का आविष्कार किसने किया‘ (Who Invented Motorwagen) और ‘गाड़ी का आविष्कार कब हुआ’ (When Was Motorwagen Invented) जैसे विषयों पर विस्तार में बात करेंगे।
What Is Motorwagen: गाड़ी क्या है?
गाड़ी का मतलब वाहन होता है जिसे हमे अंग्रेजी में Vehicle भी बोलते हैं। भारत में मोटरसाइकिल को मोटर-गाड़ी, ट्रैन को रेल गाड़ी और बिना इंजन से चलने वाली जीव गाड़ियों को उनके माध्यम के अनुसार बैल गाड़ी, घोड़ा गाड़ी, उट गाड़ी आदि बोलते हैं। सरल भाषा में गाड़ी का मतलब एक ऐसा वाहन से होता है जिसमें इंजन लगा होता है और पहिए होते हैं। केवल ‘गाड़ी’ शब्द का उपयोग मुख्य रूप से कार (Car) के लिए किया जाता हैं। कार एक ऐसा वाहन होता है जिसमें मोटरसाइकिल के मुकाबले अधिक जगह, अधिक आराम होता है और चार पहिये होते हैं। बाकी आप सभी लोग जानते ही हैं कि चौपहिया वाहन को गाड़ी बोला जाता हैं।
शुरुआत में राजा महाराजाओं के दौर में सामान लाने ले जाने के लिए घोड़ा गाड़ी और बैलगाड़ी का उपयोग किया जाता था, और अकेला आदमी घुड़सवारी किया करता था। इसके बाद इंजन का आविष्कार हुआ और एक ऐसी गाड़ी की कल्पना की जाने लगी जो ईंधन के माध्यम से अपने आप बिना मेहनत के चल सके और ज्यादा रफ्तार के साथ चल सके। इसके बाद मोटरसाइकिल का आविष्कार हुआ। लेकिन सामान लाने ले जाने के लिए और अधिक आराम के साथ यात्रा करने के लिये कार जैसे किसी वाहन की कल्पना की जा रही थी। इंजन और मोटरसाइकिल के आविष्कार के बाद एक क्षेत्र में काम करने वाले विद्वानों के दिमाग में कार का कांसेप्ट तो था लेकिन इसे बनाना इतना आसान नहीं था।
आज के समय में भले ही हमें गाड़ी यानि कि कार में कई प्रकार की सुविधाएं मिलती हो, लेकिन उस समय पर कार को बनाने का मकसद केवल सामान को अधिक तेजी से लाना ले जाना और आराम के साथ यात्रा करना था। आज हम लोग अपने स्टेटस को दिखाने के लिए या फिर आराम के लिए महंगी से महंगी कार खरीदा करते हैं, और कार खरीदने का सबसे पहला कारण मोटरसाइकिल से अधिक सिक्योरिटी के साथ यात्रा करना होता है। लेकिन उस समय कार बनाने का मुख्य कारण सामानों को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाना और एक से अधिक व्यक्तियों का आराम से यात्रा करना था।
Who Invented Motorwagen: गाड़ी का आविष्कार किसने किया?
किसी भी अन्य आविष्कार की तरह गाड़ी का आविष्कार का श्रेय भी किसी एक वैज्ञानिक को नहीं दिया जा सकता। गाड़ी का आविष्कार कितने पहिए का आविष्कार, इंजन का आविष्कार और मोटरसाइकिल का आविष्कार हो चुका था, जिसने लोगों के लिए एक बड़े वाहन (कार) के लिए कल्पना के द्वार खोलें। इसके बाद ही गाड़ी का अविष्कार हुआ। जब विद्वानों के दिमाग मे एक ऐसे वाहन की कल्पना ने घर बनाया जिसमें ज्यादा जगह हो, अधिक पहिये हो और बड़ा इंजन हो तो तो कार के आविष्कार की शुरुआत हुई। इस कॉन्सेप्ट पर कई विद्वान काम कर रहे हैं थे, लेकिन गाड़ी का आविष्कार करने वाले सबसे पहले व्यक्ति ‘Karl Benz’ (कार्ल बेंज) थे।
Karl Benz के द्वारा बनाई गई पहली कार जिसे हम पहली गाड़ी भी कह सकते हैं, उसमें 3 पहिये थे। यह गाड़ी आज की गाड़ियों के मुकाबले काफी पिछड़ी सी प्रतीत होती हैं, लेकिन उस समय यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। यह एक 3 पहिये की गाड़ी थी जिसमें साइकिल के आकार के पहिये लगे थे। यह गाड़ी आज के समय की सेडान कारों से काफी लंबी थी। Motorwagon (मोटरवेगन) नाम की इस गाड़ी में 954cc का हल्का इंटरनल कंजबशन ईंजन लगा हुआ था। इस इंजन को भी विद्वान कार्ल बेंज ने खुद डिजाइन किया था। दुनिया की इस पहली गाड़ी को चलाने के लिए पेट्रोल की आवश्यकता पड़ती थी।
कार्ल ने अपने दिमाग में Motorwagon की संरचना तैयार कर रखी थी। उस संरचना को उन्होंने कागजों पर उतारा और इंजन के कॉन्सेप्ट के साथ मैच करने वाले पुर्जों को भी तैयार करना शुरू कर दिया। कई पुर्जे उन्हें पहले से उपलब्ध मिले तो कई उन्होंने खुद डिजाइन किए। जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया की पहली गाड़ी ‘मोटरवेगन’ पर काम शुरू करने से पहले कार्ल वेग ने लोहे की ढलाई का कारखाना भी शुरू किया था, जैसे उन्हें इस गाड़ी के लिए पुर्जे बनाने में काफी मदद की। उन्हें इस कारखाने में पैसे की काफी हानि हुई लेकिन उनकी पत्नी ने उन्हें आर्थिक रूप से मदद की और इस तरह से Motorwagon पर काम शुरू हो गया।
When Was Motorwagen Invented: दुनिया की पहली गाड़ी (मोटरवेगन) का आविष्कार कब हुआ?
दुनिया की पहली गाड़ी मोटरवेगन को कहा जा सकता है लेकिन इससे पहले दोपहिया वाहनों पर बड़े स्तर पर काम शुरू हो गया था। लेकिन कार तो मोटरवेगन ही थी जिसे विद्वान कार्ल वेगन ने तैयार किया था। दुनिया की पहली कार मोटर बैगन का आविष्कार Karl Benz ने साल 1885 में कर दिया था लेकिन उन्हें इस आविष्कार का पेटेंट साल 1886 की जनवरी में प्राप्त हुआ। इसके बाद 1886 की जुलाई में सार्वजनिक रूप पर मोटरवेगन का प्रयोग भी शुरू कर दिया गया। MotorWagon की सफलता के बाद कार्ल ने बेहतर इंजन के साथ इस कार के 2 मॉडल और निकाले जिन्हें ‘मोटरवेगन मॉडल नम्बर 2’ और ‘मोटरवेगन मॉडल नम्बर 3’ का नाम दिया गया।
कार्ल बेंज के द्वारा बनाई गई मोटरवेगन से उनकी बीवी और 2 बच्चों ने 5 अगस्त 1888 को 105 किलोमीटर को दूरी तय की थी। इसके बाद ही कार्ल वेगन को उनके इस बेहतरीन आविष्कार के लिए लोकप्रियता मिलना शुरू हुई थी। मोटरवेगन और इसके अगले 2 मॉडल पेट्रोल इंजन से चलने वाली तिपहिया गाड़ीया ही थी। लेकिन गाड़ियों को लेकर Karl Benz के जोश ने उन्हें और भी ज्यादा आरामदायक और अधिक क्षमता वाली चौपहिया गाड़िया बनाने को प्रोत्साहित किया। कार्ल ने 4 पहिये वाली अधिक पावर वाले इंजन के साथ ‘Benz Velo’ (बेंज-वेलो) का आविष्कार 1894 में किया था। इस कार में 3 हॉर्स पावर का इंजन लगा हुआ था जो अधिकतम 20 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से चलता था।
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