JEE Main, NEET 2020 Exam Latest Updates: छात्रों के द्वारा सोशल मीडिया पर लगातार किये जा रहे प्रोटेस्ट के बावजूद भी 6 सितम्बर को ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) और 13 सितम्बर को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की परीक्षा होने जा रही है। यह दोनों ही परीक्षाएं पिछले 2 महीने से टाली जा रही है, लेकिन इस वक्त अब तक एग्जाम को आगे नहीं बढाया गया है। लगता है कि अब तय की गयी तारीख पर ही JEE और NEET की परीक्षा होकर रहेगी। बता दें की मेन्स के बाद IIT में सिलेक्शन के लिए एडवांस परीक्षा भी होगी, और इस वजह से अब एग्जाम को टाला जाना शिक्षण संस्थानों के लिए जीरो ईयर के रूप में बड़ा खतरा बन सकता है।
जानें NEET और JEE के बारे में
NEET एक प्रकार का एंट्रेंस एग्जाम है जो छात्रों को देशभर में सरकारी और प्राइवेट डेंटल और मेडिकल कॉलेज दिलवाने में मदद करता है। इस एग्जाम के जरिये 542 मेडिकल कॉलेज की सीटों पर छात्रों को एडमिशन दिया जाता है। वहीं अगर JEE की बात करें तो यह परीक्षा दो स्तर पर होती है। इसमें पहले मेन्स एग्जाम होती है जिसे पास करने वाले छात्रों को देश भर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे की एनआईटी और आईआईटी आदि में एडमिशन मिलता है। मैन्स क्लियर करने के बाद छात्र एडवांस में भाग ले सकता है जिसे पास करने के बाद IIT में एडमिशन मिलता है।
आख़िर क्यों मचा है इन दोनों परीक्षाओं को लेकर बवाल?
कोविड-19 के खतरे के चलते हुए काफी सारे अभिभावक अपने बच्चों को परीक्षा देने के लिए नहीं भेजना चाहते हैं, और कई छात्र भी एग्जाम देने के लिए राजी नही है। इस वजह से सरकार से लगातार इन दोनों एग्जाम्स को पोस्टपोन करने की विनती की जा रही है। पहले यह केवल छात्रों का मुद्दा था, जो अब काफी गंभीर मुद्दा बन चुका है। हाल ही में काफी सारी अपोजिशन पार्टीयों के सदस्यों ने इस विषय पर बैठक की थी। कांग्रेस लीडर सोनिया गांधी के साथ इस बैठक में झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए थे।
इन सभी लोगों और पार्टियों ने एक स्वर में परीक्षाओं को टालने की मांग की है। महाराष्ट्र और बंगाल समेत कई राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में भी रिव्यु पिटी लगाई है। वही शिक्षण संस्थान औए शिक्षक एग्जाम का समर्थन करते हुए सरकार को पत्र लिख रहे हैं और कह रहे हैं इस बार एग्जाम को ना टाला जाए। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (IIT) के डायरेक्टर भी एंट्रेंस एग्जाम का समर्थन कर रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि कई स्टूडेंट्स चाहते हैं कि यह साल जीरो ईयर घोषित नहीं होना चाहिए क्योंकि उनसे उनकी मेहनत और तैयारी में खर्च किये गए पैसे दोनों बर्बाद हो जाएंगे।
जानें क्या किया जा रहा है छात्रों की सुरक्षा के लिए?
छात्रों को वायरस से बचाने के लिए इस बार विशेष सुविधा की गयी है। एक कमरे में केवल 12 छात्र ही परीक्षा देंगे। छात्रों में आपस में कम से कम 6 फिट की दूरी, यानी की फिजिकल डिस्टेनसिंग का पालन होगा। छात्रों को एक सीट छोड़कर बिठाया जाएगा। सेंटर पर छात्रों को नया मास्क और ग्लव्ज मिलेंगे। कुल शिफ्ट की संख्या 8 बजे से 12 बजे तक कर दी गयी है। अब एक पाली में केवल 85 हजार छात्र ही बैठेंगे। एग्जामिनेशन हॉल में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए छात्रों की एंट्री और एग्जिट अलग अलग होगी। वही छात्रों को चीटिंग करने से रोकने के लिए इस बार हाथ की जगह बल्कि हैंडहेल्ड मशीन से तलाशी ली जाएगी।