Kanika Rathi IAS – झज्जर के बहादुरगढ़ शहर की निवासी कनिका राठी ने चौथे प्रयास में AIR 64 हासिल की। उसने कहा कि उसने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी है और अपने पहले तीन प्रयासों में असफलता का सामना करने के बावजूद मनोबल नहीं खोया है। कनिका के पिता इंजीनियर हैं जबकि मां शिक्षिका हैं।
Kanika Rathi IAS – जानिए कनिका राठी कहाँ की रहने वाली है –
मूल रूप से झज्जर के “खरड़” गांव की रहने वाली कनिका ने कहा कि सिविल सर्विसेज में जाना उनका बचपन का सपना था। अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के सदस्यों को देते हुए उन्होंने कहा, “संशोधन सफलता की कुंजी है। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वालों को इस पर ध्यान देना चाहिए।
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क्या कनिका राठी जाना चाहती थी मेडिकल लाइन में ?
नहीं ! कनिका ने स्कूल में ही ठान लिया था कि उसे मेडिकल या इंजीनियरिंग में नहीं बल्कि सरकारी क्षेत्र में बड़ी सफलता पानी है।
हरियाणा के बहादुरगढ़ शहर के दयानंद नगर निवासी कनिका राठी ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में 64 वीं रैंक हासिल की है। कनिका की सफलता से उनके परिवार व जान-पहचान के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। सोमवार को कनिका को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। परिजनों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। कनिका ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की सरकारी नौकरी छोड़कर सिविल सेवा परीक्षा दी क्योंकि उसने ठान रखी थी की उसे जाना है तो सिविल सर्विस में ही ।
जानिए कब से कनिका ने तैयारी शुरू की थी ?
करीब 32 साल से दयानंद नगर की गली नंबर-2 में रह रहे नरेश राठी की 28 वर्षीय बेटी कनिका शुरुआत से ही प्रतिभाशाली छात्रा रही हैं। हालांकि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी वर्ष 2015 में शुरू की थी। शहर के बाल भारती स्कूल से 12वीं कक्षा पास करने के बाद दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से गणित के साथ बीएससी पास किया।
दिल्ली में “करोल” बाग में स्थित एक कोचिंग सेंटर से एक साल तक कोचिंग ली कनिका राठी ने और 2016 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिली तो फिर 2017 में फिर प्रयास किया और वापस सफल नहीं हुई तो सरकारी जॉब के लिए तैयारी शुरू कर दी। अशोका यूनिवर्सिटी से लिबरल स्टडीज में पीजी भी की कनिका राठी ने।
Kanika Rathi IAS – जानिए पहले कनिका राठी ने सरकारी नौकरी क्यों छोड़ी ?
वर्ष 2019 में केंद्रीय कनिका राठी को गृह मंत्रालय में नौकरी मिल गई थी । उसके बाद दो साल तक पटना में आईबी में नौकरी की। लेकिन उनका लक्ष्य आईएएस बनना ही था। इसलिए माता-पिता की सहमति से 2020 में सरकारी नौकरी छोड़कर घर लौट आई और तैयारी करते- करते आईसीएस (प्री) की परीक्षा पास की। फिर 2022 की मेन परीक्षा में सफलता पाई। कनिका ने बताया कि गत 30 अप्रैल को साक्षात्कार के बाद 30 मई को परिणाम आया तो 64 वें रैंक पर अपना रोल नंबर देख वह खुशी से उछल पड़ीं।
कनिका तीन बहन-भाइयों के बीच की है। बड़ी बहन वनिता विवाहित हैं और छोटा भाई अमन बीएससी के बाद एमबीए की पढ़ाई कर रहा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण से रिटायर्ड कनिका के पिता नरेश राठी ने बताया कि उनके खानदान में बेटियों हमेशा से ही उच्च शिक्षा दिलाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा है।
परिवार वाले ख़ुशी से झूम उठे –
कनिका राठी ने दिल्ली में अंग्रेजी के पीजीटी रहे अपने स्व. दादा दलजीत सिंह राठी का घर में एक आईएएस (UPSC क्लियर करने का सपना ) बनने का सपना पूरा किया और सभी घरवालों को काफी ख़ुशी हुई कनिका राठी की सफलता से । उनकी मां नीलम की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उन्हें पता लगा की उनकी बेटी का आईएएस में चयन हो गया है। कनिका राठी की माँ दिल्ली के घेवरा स्थित सर छोटू राम पब्लिक स्कूल में अध्यापिका हैं।
सिर्फ 5-6 घंटे की पढ़ाई का राज़ –
कनिका ने बताया कि जब वह स्कूल में 11वीं कक्षा में थी तभी उन्होंने ठान लिया था कि वह डॉक्टर या इंजीनियर बनने के बजाय सरकारी सेवा में जाना पसंद करेगी, और सरकारी सेवा में आईएएस ही सर्वश्रेष्ठ है तभी से उन्होंने दृढ़निस्चय कर लिया था की बनना है तो आईएएस ही। कनिका हर रोज 12-14 घंटे के बजाय केवल 5-6 घंटे ही मन लगाकर पढ़ती थीं। उन्होंने कोचिंग से साल भर तक मार्गदर्शन तो जरूर लिया, लेकिन सेल्फ स्टडी को फर्स्ट प्रायोरिटी दी, यूट्यूब व गूगल से मदद ली। कनिका को घर में बागवानी करने और पेंटिंग करने का शौक है। फेसबुक और इंस्टाग्राम से जुड़ी जरूर है लेकिन सक्रिय नहीं रहती।