गुलाम नबी आजाद के लिए क्यों छलके प्रधानमंत्री की आखों से आंसू, जानें आजाद के बयान के बारे में

हाल ही में राज्यसभा ने गुलाम नवी आजाद की रिटायरमेंट पर भाषण के दौरान प्रधानमंत्री के आखों में आंसू देखने को मिले। वह आजाद को विदाई देते हुए भावनाओ से भर गए। गजब की बात यह हैं कि आजाद भारतीय जनता पार्टी में नही बल्कि विपक्ष में हैं। लोगो ने प्रधानमंत्री का सोशल मीडिया पर मजाक बनाना शुरू कर दिया तो कई ने उन्हें इस क्षण को उनकी चतुरता का यदाहरन बताया। जाहिर सी बात हैं विपक्ष पार्टी के एक बड़े नेता के लिए भावुक होना किसी को भी नही पचेगा लेकिन इसके पीछे एक कहानी हैं जो हाल ही में आजाद ने अपने एक बीयन मे बताई हैं।

इस घटना का जिक्र करते हुए भावुक ही गए थे प्रधानमंत्री

गुलाम नबी आजाद से जब मीडिया के द्वारा सवाल खड़े किए गए कि आपकी रिटायरमेंट के प्रधानमंत्री के आंसू तू चल के तो उन्होंने बयान में एक घटना का जिक्र किया और बताया कि इस घटना को याद करते हुए ही वह भावुक हो गए थे। यह घटना उस समय की हैं जब 2006 में जब आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। तब कश्मीर में आये हुए कई पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए थे और इन पर्यटकों में से काफी पर्यटक गुजरात के पर्यटक से भी कश्मीर भ्रमण के लिए आये हुए थे।

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि हमले के बाद सबसे पहले उनके पास जिस व्यक्ति का फोन आया वह आज आज जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद थे। रात को घायलों और मरे हुए लोगों के शवों को भेजते हुए भी उस समय जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। जिस समय गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था वह उस दौरान हवाई अड्डे पर थे। इसके कुछ महीने बाद जब नरेंद्र मोदी गुलाम नबी आजाद से मिले तो उन्होंने आजाद को गले लगा लिया और कहा कि हमें पता नहीं था कि आप गुजरातियों की इतनी परवाह करते हैं।

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