Lohri 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Timings: भारत में कई धर्मों के लोग एक साथ मिलकर रहते हैं और इस वजह से यहां हर साल विभिन्न धर्मों के लोग विभिन्न त्यौहार मानते हैं। साल के पहले महिनी में भी कई त्यौहार आते हैं और उन्ही में से एक है लोहड़ी! लोहड़ी (Lohri) को नॉर्थ इंडिया में तो धूम धाम से मनाया ही जाता है और साथ में देश के कोने कोने में और यहां तक कि विदेशों में भी इस त्यौहार की एक अलग ही धाक है। सिख धर्म का पालन करने वाले लोगों के लिए त्यौहार सबसे अधिक खास होता है। इस लेख में हम लोहड़ी त्यौहार से जुड़ी हुई कुछ विशेष बातें जानेंगे।
Lohri 2022 Date: जानें लोहड़ी के त्यौहार के बारे में
हिन्दू धर्म के कलेंडर के अनुसार या फिर कहा जाए तो हिंदी कलेंडर के अनुसार लोहड़ी का त्यौहार पोषमाह की आखिरी रात को मनाया जाता है। सीजन धर्म के लोगों के लिए यह त्यौहार सबसे अधिक खास और महत्वपूर्ण होता है। लोहड़ी के त्यौहार की तैयारियां इसके कुछ दिन पहले से ही शुरू कर दी जाती हैं। शरद ऋतु के समापन के करीब इस त्यौहार को मनाया जाता है। हर वर्ष यह त्यौहार मकर संक्रान्ति (Makar Sankranti) से पहले 13 जनवरी को मनाया जाता है।
Lohri 2021 Shubh Muhurat, Timings: लोहड़ी शुभ मुहूर्त, तिथि, समय और दिनांक
- लोहड़ी शुभ मुहूर्त 8:29 am, 14 जनवरी 2021।
- मकर संक्रांति 14 जनवरी 2021, दिन गुरुवार।
Lohri 2021, Who Was Dulla Bhatti: लोहड़ी से जुड़ी हुई मान्यताएं और पौराणिक कथाएं
सनातन धर्म की यह विशेषता है कि हर त्यौहार को मनाने के पीछे कुछ खास कारण होता है और लोहड़ी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। लोहड़ी (Lohri) से जुड़ी हुई कई मान्यताएं प्रचलन में है। एक मान्यता के अनुसार अकबर के काल मे पंजाब में एक दुल्ला भट्टी नाम का लुटेरा रहता था। वह धनी लोगों को लुटता था और बाजार में बिकने वाली लड़कियों की शादी करवाकर उन्हें एक नया जीवन प्रदान करता था। उस व्यक्ति के ऊपर ही लोहड़ी का त्यौहार आधारित मानाया जाता है। इस त्यौहार को दुल्ला भट्टी के नाम से भी जानते हैं। लोहड़ी के कई गीतों में इसका जिक्र भी है। एक कथा के अनुसार राजा दक्ष की बेटी सती ने अपने पति भगवान शंकर के अपमान से दुःखी होकर खुद को अग्नि के हवाले कर दिया था और इसी वजह से इस दिन अग्नि जलाई जाती है।
लोहड़ी पूजा सामग्री
गजक, रेवड़ी, मूंगफली, तिल-गुड़, पॉपकॉर्न, जलाने के लिए लकड़ी, अर्पित करने के लिए लड्डू, सूखा नारियल, मेवे
लोहड़ी प्रसाद
लोहड़ी में 5 तरह के भोग लगाए जाते हैं, तिल से बना प्रसाद, गजक, मूंगफली, गुड़ के बने मीठे पकवान, रेवड़ी या फिर लाई, मूंगफली और पॉपकॉर्न अथवा मक्के से बना प्रसाद लोहड़ी माता और अग्नि देवता को अर्पित किया जाता है।
Lohri Puja Vidhi: लोहड़ी पूजा विधि
लोहड़ी के दिन भगवान श्री कृष्ण, आदिदेव और अग्निदेव की पूजा की जाती है। विद्वानों के अनुसार लोहड़ी की पूजा पश्चिम दिशा में बैठकर उसी दिशा में मुँह करके की जानी चाहिए। लोहड़ी की पूजा विधि इस प्रकार है:
- सबसे पहले आदिशक्ति की प्रतिमा स्थापित करें और सरसों का दिया जला लें।
- अब चित्र पर सिन्दूर और बेलपत्र अर्पित कर लें। और साथ ही रेवड़ी और तिल का लड्डू चढ़ाएं।
- अब सूखे नारियल के गोले में कपूर डाल कर जला लें।
- साथ ही नारियल में रेवड़ी, मूंगफली और कॉर्न डाल लें।
- अब 7 बार अग्नि की परिक्रमा कर लें।
- इस तरीके से पूजा करने से साल भर भगवान शंकर की कृपा बनी रहती है, और धन धान्य की कमी नहीं होती है।