झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन माइनिंग लीज मामले में 17 मई के हाईकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। झारखंड हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के दायर में एसएलपी पर अब इसकी अगली सुनवाई 24 मई को होगी। आपको बता दें कि मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और न्यायाधीश हिमा कोहली की खंडपीठ के समक्ष झारखंड सरकार की ओर से एसएलपी दाखिल की गयी थ। जिसमें वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी की ओर से कहा था कि ईडी पीड़ित पक्ष को बिना नोटिस जारी किये हाइकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल कर रही है।
खनन पट्टा मामला को मिली मंजूरी :-
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों, करीबी लोगों की कुछ मुखौटा कंपनियों को खनन पट्टों की कथित मंजूरी मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। खनन पट्टों की सीबीआई और ईडी की जांच से जुड़ी एक याचिका पर शीर्ष अदालत शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गई।
- सीजेआई एन वी रमण और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी की इन दलीलों पर गौर किया कि यह एक गंभीर मामला है, जिसमें जांच एजेंसी नोटिस जारी करने से पहले झारखंड उच्च न्यायालय में सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज दाखिल कर रही है। इसे दूसरे पक्ष को नहीं दे रही है। इस पर पीठ ने कहा, ‘हम इसे कल सूचीबद्ध करेंगे।
- वरिष्ठ वकीलों में से एक ने कहा, ‘यह एक गंभीर विषय है, जिसका मैं उल्लेख करना चाहता हूं। झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसे अभी स्वीकार नहीं किया गया है। इसके बावजूद, ईडी ने आकर सीलबंद दस्तावेज सौंप दिए।
- शीर्ष अदालत को बताया गया कि उच्च न्यायालय मुख्यमंत्री तथा उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों द्वारा चलाई जा रही कुछ छद्म कंपनियों को कथित तौर पर दिए गए खनन पट्टों की सीबीआई तथा ईडी से जांच कराने का अनुरोध करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई जारी रखेगा।