Investment Tips in Hindi: कमाई के दौरान इस तरह से करें निवेश, सेवानिवृत्ति के बाद होगा फायदा

Investment Tips in Hindi: आज के समय में निवेश कितना जरूरी है यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। निवेश के दौरान जो लोग असावधानी बरतते हैं उन्हें अक्सर भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। निवेश के लिए हम सभी के पास कई विकल्प रहते हैं और अगर नॉलेज हो तो कोई भी विकल्प बुरा नहीं होता है। चाहे आप किसी व्यवसाय में हो या फिर किसी भी जॉब में, आपको जरूर निवेश करना चाहिए। हर व्यक्ति का सेवानिवृत्ति का समय आता है और इस समय तक व्यक्ति को फाइनेंसियली मजबूत बनना होता है जिससे कि उसका बचा हुआ जीवन सुकून से कट जाए। ऐसे में आपको बेहतरीन फाइनेंसियल प्लानिंग की जरूरत होती है जिससे कि आप निवेश कर सको। इस लेख में हम आपको सेवानिवृत्ति तक फाइनेंसियली मजबूत होने के कुछ टिप्स (Investment Tips in Hindi) देने वाले हैं।

Investment Tips in Hindi

40 साल तक मजबूत इन्वेस्टमेंट में ध्यान दें

अधिकतर लोग इस उम्र में भी अपना व्यक्तिगत व्यवसायिक जीवन बनाने में रहते हैं। इस उम्र में अधिकतर लोग चाहते हैं कि वह खुद को एक प्रॉफेशनल के तौर पर स्थापित कर सके। यह वह समय होता है जब रिटायरमेंट एक दशक दूर होती है। इस समय रिस्क लेने की ताकत भी अधिक होती है। 25 से 40 साल की उम्र के बीच मे बेहतरीन फाइनेंसियल प्लानिंग के साथ बेहतरीन निवेश करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इस दौरान इक्विटी में भी निवेश किया जाता है।

40 से 50 की उम्र में थोड़ा ठहराव करें

यह जिन्दगी का वह समय होता है जब निवेश व पैसों को लेकर उतावलापन कम होने लगता है। जितना मिला है उसमें ही काम चलाने के प्रति झुकाव बनने लगता है। इस समय पर व्यक्ति की मुख्य वित्तीय चिंता शुरू हो जाती है। बच्चो की शिक्षा और परिवार का खर्चा दिमाग में घूमता रहता है। यहां इक्विटी का समय लगभग समाप्त हो गया होता है और अब अग्रेसिव हाइब्रिड तरीके से अपने पोर्टफोलियो में डेट जोड़ने का समय होता है। यह पोर्टफोलियो मुनाफे को स्थिरता देता है और इस चरण में पिछले चरण के मुकाबले जोखिम उठाने की क्षमता भी कम हो जाती है।

50 से 60 साल की उम्र में होता है चिंता का चरण

जिंदगी का यह चरण वह समय होता है जब छोटे से माध्यम तक लक्ष्य पूरे हो चुके होते हैं। इस समय रिटायरमेंट जैसे दीर्घकालीन लक्ष्य पर ध्यान रहता है। इस समय में इक्विटी इन्वेस्टमेंट को लेकर थोड़ा अधिक सतर्क रहने का समय है। पोर्टफ़ोलितो के अंक बने रहने में कोई दिक्कत नही हैं लेकिन अगर उनमें सन्तुलन हो तो बेहतर है। पूंजी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निवेश किया जाना उचित है। निवेश का केवल छोटा सा हिस्सा इक्विटी में रखा जाए तो दिक्कत नहीं होती है क्योंकि इससे पोर्टफोलियो में थोड़ी पूंजी बढ़ती रहेगी।

60 के बाद नई शुरुआत और आराम का चरण

आपकी रिटायरमेंट आपके जीवन की एक नई शुरुआत होती है। अब आप कोई जोखिम नहीं लें तो बेहतर है क्योंकि रिटायरमेंट से पहले जो जोखिम लिए है वह आपके जीवनशैली को बरकरार रखने के लिए काफी होते हैं। इस समय आपके खर्चे थोड़े अलग होते हैं क्योंकि बीमारी का खर्च, छुट्टियों, धार्मिक काम काजों और अन्य कई प्रकार के विलासिता वाले खर्च आपकी जेब से अपने लिए बराबरी का हिस्सा मांगते हैं। इस समय पर कोई जोखिम ना लिया जाए तो बेहतर है। इस समय पर आप केवल पैसा सेव करें और विश्वसनीय निवेश जैसे कि FDs आदि करें।

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