Motilal Vora Biography: तो ऐसा रहा मोतीलाल वोरा का राजनीतिक जीवन, अविभाजित प्रदेश के रह चुके है मुख्यमंत्री!

Motilal Vora Biography: अविभाजित प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मोतीलाल वोरा का हाल ही में 93 कई उम्र में निधन हो चुका है। उनका निधन दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में हुआ है। 20 दिसम्बर के दिन उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था और 21 दिसम्बर को वह दुनिया को छोड़कर चले गए। मोतीलाल वोरा कॉंग्रेस के कई अहम पदों पर रह चुके हैं। वह अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। वह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे। 13 मार्च 1985 के दिन वह अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद 25 जनवरी 1989 को वह एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 18 साल तक वह कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी रहे थे। वोरा उन वरिष्ठ नेताओं में से एक थे जिन्होंने राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी।

Motilal Vora Biography In Hindi: 20 दिसम्बर 1998 की हुआ था मोतीलाल का जन्म

देश के सबसे बड़े राजनीतिकी दलों में से एक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसम्बर 1928 को हुआ था। उनकी जन्मस्थली राजस्थान का नागौर जिला हैं। लेकिन जन्म के कुछ समय बाद ही मोतीलाल का परिवार अविभाजित मध्यप्रदेश में रहने आ गया। वह स्थान वर्तमान में छत्तीसगढ़ कहा जायेगा। वोरा की पढ़ाई कोलकाता में और रायपुर में पूरी हुई थी। पढ़ाई के तुरंत बाद ही पत्रकारिता के शौक के चलते वह नवभारत टाइम्स में लग गए। पत्रकारिता करते हुए ही वोरा प्रजा समाजवादी पार्टी से जुड़े। 1968 में उन्होंने पहली बार पार्षद का चुनाब लड़ा और यहां से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई।

Motilal Vora Biography

Motilal Vora Political Life: 1972 में मोतीलाल बने थे पहली बार विधायक

प्रजा समाजवादी पार्टी की तरफ से पार्षद बनने के बाद मोतीलाल जी मुलाकात कांग्रेस के नेता किशोरीलाल से हुई और उनसे प्रभावित होकर उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की। साल 1972 में मोतीलाल वोरा ने कांग्रेस पार्टी से टिकट प्राप्त किया और विधायक का चुनाव लड़ा। दमदार नेतृत्व और कांग्रेस पार्टी के दबदबे की वजह से वह विधायक का चुनाव जीते। 1977 और 1980 में भी उन्होंने जीत प्राप्त की। तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के राज में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इसके बाद 13 मार्च 1985 को वह पहली बार अविभाजित मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। साल 1988 में उन्होंने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया और वह राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुने गए।

उत्तर प्रदेश का राज्यपाल भी रह चुके हैं मोतीलाल वोरा

मोतीलाल वोरा कांग्रेस के सबसे अधिक दिग्गज और वरिष्ठ नेताओं में से एक है। 1988 में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद वाले राज्यसभा के सदस्य के रूप में चुने गए और उसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल भी बनाया गया। दरअसल 1993 में उन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था। इसके बाद 1998 में वह एक बार फिर लोकसभा के चुनाव जीते। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने उन्हर कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारियां सौप दी। उम्र का हवाला देते हुए पिछले साल वोरा ने पद से इस्तीफा दे दिया। इस साल अपना 93वाँ जन्मदिन मनाने के अगले दिन ही उनका देहांत हो गया।

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