Mini Count of Domestic Workers: भविष्य में न्यूनतम वेतन दिलाने के लिए इन प्राइवेट कर्मचारियों की गणना होगी शुरू!

Mini Count of Domestic Workers: हाल ही में केंद्र सरकार की तरफ से कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी हैं। उनमे से एक घोषणा यह भी है कि सरकार जल्द ही घरेलू कामगारों की गणना शुरू करने वाली है। ऐसा पहली बार होगा जब देश में घरेलू कामगारों की गणना की जाएगी। घरेलू कामगारों की गणना के साथ उनका एक डेटा तैयार किया जाएगा जो उन्हें भविष्य में सामाजिक सुरक्षा और न्यूनतम वेतन दिलाएगा। न केवल घरेलू कामगारों बल्कि पेशेवर और प्रवासी मज़दूर और श्रमिको आदि की भी गिनती की जाएगी।

श्रम मंत्रालय के श्रम ब्यूरो को मिली जिम्मेदारी

घरेलू कामगारों और प्राइवेट कर्मचारियों की तुलना करके उनका डेटा तैयार करने का काम श्रम मंत्रालय के श्रम ब्यूरो को दिया गया है। सर्वे का प्रारूप तय करने के लिए श्रम ब्यूरो ने दुनिया भर में प्रसिद्ध दो भारतीय अर्थशास्त्री एसपी मुखर्जी एवं अमिताभ कुंडू की एक कमेटी बनाई है। अगर रिपोर्ट की मानें तो साल 2021 के जनवरी से घरेलू कामगारों की मिनी गणना शुरू हो जाएगी। मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी थी कि अब तक मंत्रालय के पास घरेलू कामगारों को लेकर कोई आंकड़ा नहीं है, जो साल 2021 की शुरुआत से तैयार किया जाएगा।

Mini Count of Domestic Workers

घरेलू कामगारों के हक में बनाई जाएगी नीति

प्राइवेट कर्मचारियों की गणना करना एक बहु उपयोगी कार्य माना जा सकता है। अगर सरकार के पास घरेलू कामगारों के आंकड़े मौजूद होंगे तो वह भविष्य में उनके हक की नीति बना सकेगी, जिससे कि उन्हें फायदा मिलेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। यही कारण है कि श्रम मंत्रालय घरेलू कामगारों के वास्तविक आंकड़ों तक पहुंचना चाहती है। यह वास्तविक आंकड़े प्राप्त करने के लिए घरों में जाना आवश्यक होगा। लेकिन केवल घरेलू कामगारों के ही आंकड़े नहीं बनाए जा रहे हैं, बल्कि साथ में अन्य कई वर्ग के लोगों के आंकड़े भी बनाए जाएंगे। यह कमेटी के ऊपर होगा कि वह इसमें किन लोगों को शामिल करती है।

पेशेवरों के भी नहीं हैं कोई आंकड़े

अगर श्रम मंत्रालय के द्वारा जारी किए गए बयानों की माने तो मंत्रालय के पास ना केवल घरेलू कामगारों बल्कि सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट), वकील, डॉक्टर, फैशन डिजाइनर जैसे प्रोफेशनल्स का भी कोई आंकड़ा नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार जल्द ही सीए, वकील, डॉक्टर, फैशन डिज़ाइनर और इनके जैसे अन्य प्रोफेशनल्स के आंकड़े तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए उनका भी सर्वेक्षण किया जाएगा। बता दें कि इस वक्त प्रवासी श्रमिकों के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं और सरकार का उन पर विशेष ध्यान है। श्रमिकों का प्रवास करना जरूरी था लेकिन इससे अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।

जल्द लागू होने वाला है श्रम कानून

सामने आ रहे आकड़ों पर नज़र डालें तो अप्रेल में श्रम कानून लागू होने की सम्भावना है। इस कानून पर काम चल रहा है, और सम्बंधित पक्षों से राय भी ली जा रही है। मंत्रालय के द्वारा दिए गए बयान के अनुसार नए श्रम कानून को लागू करने के लिए सभी राज्यों को साथ मिलकर काम करना होगा। फिलहाल श्रम मंत्री की तरफ से सभी राज्यों को नया कानून लागू करने की दिशा में पत्र लिखा गया है। बता दें कि केंद्र का नया कानून लागू होने पर पुराना कानून टर्न बदल दिया जाएगा। यह नया कानून कोरोना से पड़े प्रभाव को ध्याम में रखते हुए बनाया जा रहा है।

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