सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने रोड रेंज केश में पहले सिर्फ 1000 रूपए आर्थिक दंड लगाकर छोड़ दिया था लेकिन पीड़ित परिवार की और से पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार कर ली गई थी जिसमे गुरुवार यानी 19/05/2022 को एक साल की कैद की सजा सुनाई ।
क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे सिद्धू सरेंडर से पहले
अलग अलग 7 प्वॉइंट्स में समझें क्या है पूरा मामला
- सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ 27 दिसंबर 1988 की शाम को पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे | पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट उनके घर से 1.5 किलोमीटर दूर है उस समय सिद्धू एक क्रिकेटर थे।उनका अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था।
- पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी में सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया | गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई
- गुरनाम सिंह की मौत के बाद सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर पर कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ 1999 तक सेशन कोर्ट में केस चला सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया.
- 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ 2002 में हाईकोर्ट में अपील की उसी दौरान सिद्धू राजनीती में आ गए थे 2004 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते.
- 2006 दिसंबर को हाईकोर्ट का फैसला आया. हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. सिद्धू ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था.
- सिद्धू और संधू ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी .अरुण जेटली ने सिद्धू की ओर से पैरवी की सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई. 2007 में सिद्धू फिर अमृतसर से चुनाव जीते.
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सिद्धू और संधू पर उस समय दो केश दर्ज हुए थे पहला गैर इरादतन हत्या का और दूसरा रोड रेज का.मई 2018 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को रोड रेज के मामले में दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. मामला फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
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