पिछले साल कोरोना की वजह से देश में कई व्यवस्थाएं गड़बड़ा गयी जिसकी वजह से आम बजट 2021 काफी खास रहा। इस बजट में कई घोषणाएं की गई जिनमें से कुछ एम्पलाई प्रोविडेंट फंड और वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड के बारे में भी थी। वैसे तो इस बजट में एक बड़ी घोषणा यह भी थी कि नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ सरकारी और प्राइवेट क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के फंड्स में पैसा बढा दिया जाएगा और उन्हें हाथ में मिलने वाला पैसा कम होगा लेकिन यहां हम इसकी बात नहीं कर रहे। दरअसल आम बजट 2021 में एक और घोषणा की गई है जो प्रोविडेंट फंड्स से संबंधित है।
प्रोविडेंट फंड्स पर मिलने वाले ब्याज पर अब चुकाना होगा टैक्स
पहले प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज पर कोई खास टेक्स्ट सीमा नहीं थी। लेकिन इस आम बजट 2021 में एम्पलाइज प्रोविडेंट फंड और वॉलंटरी प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज पर 2.5 लाख की टैक्स सीमा तय कर दी गई है यानी कि अगर व्यक्ति मंच के माध्यम से सालाना 2.5 लाख रुपए से अधिक ब्याज प्राप्त करता है तो उसे ऊपर की राशि पर साधारण दरों के अनुसार टैक्स चुकाना होगा। आधिकारिक रूप से साझा की गई जानकारी के अनुसार यह प्रावधान केवल एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन पर लागू होगा ना कि कंपनी या फिर कहा जाए तो एंप्लॉयर पर।
उच्च सैलरी वाले कर्मचारियों पर पड़ेगा असर
निम्न सैलरी वाले कर्मचारी जिनकी सैलरी कम होती है और पीएफ में भी जिनका कम योगदान जाता है इस प्रावधान से उन्हें कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है। लेकिन उच्च सैलरी वाले कर्मचारी जिनकी सैलरी भी अधिक है और पीएफ में उनका योगदान भी अधिक जाता है उन्हें इससे काफी फर्क पड़ेगा। जो कर्मचारी टैक्स-फ्री इंटरेस्ट के लिए वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड का इस्तेमाल करते हैं उन्हें इस नए प्रावधान से काफी फर्क पड़ने वाला है। वर्तमान में एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड, वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड और इग्जेम्प्टेड प्रोविडेंट फंड आदि के ब्याज पर टैक्स से छूट मिली हुई है लेकिन 1 अप्रेल के बाद ऐसा नहीं होगा।