Tax On PF Interest Income: बजट 2021 के दौरान काफी सारे बड़े फैसले लिए गए हैं। कई क्षेत्रों में निवेश बढा दिया गया तो कुछ में कम किया गया। कुछ वर्गों के लिए बजट 2021 खास रहा तो कुछ को यह ज्यादा रास नहीं आया। बजट 2021 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए प्रोविडेंट फंड पर टैक्स से जुड़ी घोषणा भी की। इस घोषणा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 2.5 लाख से ज्यादा प्रोविडेंट फंड में निवेश करे तो उसे अतिरिक्त राशि पर जो ब्याज मिलता है उस पर कर चुकाना होगा। इसके बाद बजट में काफी सारी कन्फ्यूजन पैदा हुई है जिनमें से मुख्य कन्फ्यूजन PPF और EPF के बीच में है।
जानें क्या है प्रोविडेंट फंड पर टैक्स को लेकर की गयी घोषणा
इस नए बजट को पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रोविडेंट फंड पर टैक्स को लेकर एक घोषणा की गई है जिसके अनुसार EPF (एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड यानी), PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड ) और VPF (वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड) में से किसी एक मे या फिर संयुक्त रूप से कोई व्यक्ति 2.5 लाख से अधिक निवेश करता है तो ढाई लाख से ऊपर की जो राशि निवेश की गई है उसके ऊपर बनने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया जाएगा। बता दें कि एक वित्त वर्ष में पीपीएफ में अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा किये जाते हैं। न्यूनतम राशि 500 रुपये निर्धारित की गई हैं। इन प्रोविडेंट फंड्स का लॉकिंग पीरियड 15 साल का होता है। इस योजना में पीपीएफ को शामिल नहीं किया गया क्योंकि वर्तमान में उसकी अधिकतम निवेश की लिमिट ही 1.5 लाख हैं।
सरल भाषा में समझे इस घोषणा को
अगर अब भी आप प्रोविडेंट फंड में पैसा निवेश करते हैं और अब भी आपको प्रोविडेंट फंड पर टैक्स लगाने की यह घोषणा समझ में नहीं आई है तो आप इसे एक सरल उदहारण से समझ सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति 1 लाख पीपीएफ में और 3 लाख ईपीएफ में निवेश करता है तो प्रोविडेंट फंड्स में उसका कुल निवेश 4 लाख होगा। लेकिन क्योंकि पीपीएफ को इस योजना में शामिल नहीं किया गया तो उस व्यक्ति को मात्र 50 हजार रुपये की राशि और जो ब्याज मिल रहा है उस पर ही टैक्स भरना होगा। सरल भाषा में साधारण आय वाले व्यक्ति प्रोविडेंट फंड्स का फायदा उठाते हुए अब भी टेक्स बेनेफिट ले सकता है।