Cyber Scam Protection Software: इंटरनेट के आने से काफी सारी चीजें आसान जरूर हुई है, लेकिन जिस तरह से साइबर क्राइम के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं, उस तरह से यह कहना भी गलत नहीं होगा कि इंटरनेट का इस्तमाल अब सुरक्षित नहीं रहा। कब किस लिंक पर क्लिक करने से आपका अकाउंट खाली हो जाए या आपकी इनफार्मेशन लीक हो जाए कोई भरोसा नहीं। इंटरनेट की दुनिया में साइबर क्राइम से सतर्क रहना काफी जरूरी है। इस वजह से इन साइबर क्राइम्स से निपटने (Cyber Scam Protection) के लिए हाल ही में एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, रायपुर) के एक पूर्व छात्र ने एक बेहतरीन सॉफ्टवेयर (Cyber Scam Protection Software) तैयार किया हैं।
Data Security Program: मयंक वर्मा ने बनाया डाटा सिक्योरिटी प्रोग्राम
बता दें कि नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (एनआइटी) रायपुर के पूर्व छात्र मयंक वर्मा द्वारा विकसित डाटा सिक्योरिटी प्रोग्राम (Data Security) को अमेरिका में पेंटेट करवाया गया है। कहा जा रहा हैं कि यह प्रोग्राम साइबर क्राइम्स (Cyber Crime) को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में लोगों के सामने आ सकता है। बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के बालाघाट से सम्बन्ध रखने वाले मयंक साल 2003 में एनआईटी में अपनी पढ़ाई के समय ही इस प्रोग्राम में जुड़ गए थे। वह वर्तमान में लन्दन में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे हैं और इसी दौरान उन्होंने अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए यह डाटा सिक्योरिटी प्रोग्राम (Data Security Program) तैयार किया है।
Cyber Scam Protection: हाल ही में पेटेंट कराया गया है यह प्रोग्राम
बता दें कि मयंक शर्मा ने हाल ही में साल 2020 में इस प्रोग्राम को अमेरिका में ‘सिस्टम एंड मेथड्स फार आइडेंटिफाइंग एंड मिटिगेटिंग आउटलियर नेटवर्क एक्टिविटीज’ के नाम से पेटेंट कराया था। मयंक शर्मा की इस सफलता ने भारतीय बौद्धिक प्रतिमा को एक बार फिर सम्मान दिलाया है। बता दे कि अमेरिका के पेटेंट एंड ट्रेडमार्क डिपार्टमेंट ने इसे विश्व का पहला इस प्रकार का प्रोग्राम बताया है जो साइबर क्राइम से रक्षा कर सके।
Protect Yourself From Cyber Fraud: जानिए उपभोक्ता को कैसे बचाएगा ये प्रोग्राम
सिस्टम एंड मेथड्स फॉर आइडेंटिफाइंग एंड मिटिगेटिंग आउटलियर नेटवर्क एक्टिविटीज नाम के इस डाटा सिक्योरिटी प्रोग्राम को डिजाइन करने वाले मयंक वर्मा (Mayank Verma) ने बताया कि इस प्रोग्राम के जरिये कुछ ऐसे साइबर टूल्स डिजाइन किए गए हैं जिससे कि सर्वर में बाहरी व्यक्ति द्वारा साइबर फ्रॉड शुरू किए जाते ही उपभोक्ता को अलर्ट कर दिया जाएगा, ताकि वह फ्रॉड से बच सके। इस प्रोग्राम के होते हुए सिस्टम के बाहर का कोई भी व्यक्ति डाटा चोरी नहीं कर सकेगा।
कहा जा रहा है कि यह प्रोग्राम बैंकिंग, बीमा, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड, क्रेडिट-डेबिट कार्ड जैसी सेवाएं समेत ऑनलाइन लेनदेन के दौरान लोगों को साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) से बचाने का काम करेगा। यानी कि साइबर फ़्रॉड्स को रोकने के लिए एक भारतीय का बनाया हुआ यह यह प्रोग्राम काफी फायदेमंद साबित होगा।