Income Tax Slabs 2020-21: जानें कौन सा टैक्स स्लैब है आपके लिए बेहतर, किसमें होगा आपको फायदा!

Income Tax Slabs 2020-21: इस दौरान देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। तीन मई तक पुरे देश में लॉकडाउन रहने वाला है। यह फैसला तेजी से फैल रहें कोरोना महामारी के प्रकोप से बचने के लिए लिया गया है। कोरोना इफ़ेक्ट के वजह से देश की तमाम गतिविधियां बंद है। लोग अपने अपने घरों को रहने को मजबूर है। छात्रों के पढाई लिखाई से लेकर लोगों का काम धंधा भी बंद है। आखिर किया भी क्या जा सकता है कोरोना के चेन को तोड़ने का यही एक रास्ता है। हालांकि इस बीच कंपनियों प्रक्रियाएं जारी है। कुछ कंपनियां अपने कर्मियों से होम बेस जॉब भी करवा रही हैं।

Income Tax Slabs 2020-21: भेजा जा रहा है मेल

कंपनी इस दौरान अपने एम्प्लोय को इनकम टैक्स डिक्लेरेशन के मेल भी भेज रही है। क्योंकि लॉकडाउन के समाप्ति के बाद अगर स्थिति नियंत्रण में रहती है तो ऑफिसियल तरीके से नए वित्तीय वर्ष की शुरआत भी हो जाएगी। ऐसे एम्प्लोय को अपने इनकम टैक्स स्लैब के बारे में क्लियर रहना होगा है। ताकि वह यह चुनाव कर सकें कि उन्हीं नए टैक्स स्लैब में रहना है या पुराने टैक्स स्लैब में! यह इनकम टैक्स के लिहाज से काफी अहम है। आपको यह बात बताना भी होगा कि आप किस इनकम टैक्स के किस स्लैब में रहना चाहते हैं। इसके बारे में आगे हम विस्तार से जानते हैं:

आने लगे हैं इन्वेस्टमेंट से जुड़े मेल

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मौजूदा समय में लोगों को अभी से ऐसे मेल आने लगे हैं जो कि नए वित्तीय वर्ष में इन्वेस्टमेंट से जुड़े हुए हैं। मौजूदा स्थिति को देखते हुए लोग फिलहाल कन्फ्यूजन में है। उन्हें इस बात का कंफ्यूजन है कि वह नए टैक्स सेविंग ऑप्शन के साथ जाएं या पुराने टैक्स सेविंग विकल्प के साथ ही रहें।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का क्लैरिफिकेशन

इधर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीटी ने बीएफ क्लेरिफाई कर दिया है कि इस संबंध में जो भी जानकारी होगी वह आपको अपनी कंपनी को अभी ही देनी होगी। वरना आपका टीडीएस पुराने सिस्टम के अनुसार ही करता रहेगा। सीबीटी के अनुसार नौकरी पेशा लोगों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा।

2020-21 के बजट सत्र में हो चुकी है घोषणा

जहां तक नए टैक्स स्लैब का सवाल है तो आपको यह बता दें कि इसकी घोषणा मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2020-21 के बजट सत्र के दौरान की गई थी। नए सिस्टम के तहत नए टैक्स स्लैब में 2.5 लाख रुपये तक के सालाना इनकम वाले लोगों को थोड़ी राहत मिली है। इसके ऊपर की आए पर टैक्स का प्रावधान है। जिनके लिए अलग अलग स्लैब हैं।

नया टैक्स स्लैब:

2.5 तक की सलाना आए टैक्स फ्री होगी। जबकि 2.5 से 5 लाख तक की सलाना आय पर 5 फीसदी टैक्स, 5 से 7.5 लाख तक की सलाना आय पर 10 फीसदी टैक्स, 7.5 से 10 लाख तक की सलाना आय पर 15 फीसदी टैक्स, 10 से 12.5 लाख तक की सलाना आय पर 20 फीसदी टैक्स, 12.5 से 15 लाख तक की सलाना आय पर 25 फीसदी टैक्स वसूल किया जायेगा। जबकि सालाना आय 15 लाख से अधिक होने पर 30 फीसदी का टैक्स जमा करना होगा।

नोट: नए टैक्स स्लैब भले ही कम रेट पर बनायें हैं गए लेकिन इसमें होम लोन के ब्याज, 80 डी, 80 सीसीडी और हाउस रेंट अलाउंस के निवेश पर छूट नहीं दी गई है।

क्या कहते हैं जानकार

जानकारों का कहना है कि 13 लाख से ऊपर के सालाना आय वालों के लिए नया टैक्स स्लैब फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि वें 2 लाख रुपये तक का डिडक्शन(टैक्सेबल आय छूट) लेते थे। जबकि 13 लाख से ऊपर के सालाना आय वाले भी 2 लाख रुपये तक का डिडक्शन ले रहें थे। इनके लिए पुराना टैक्स सिस्टम ही उपयोगी है। जबकि पुराने टैक्स स्लैब में एलटीए और एचआरए सहित कुछ अन्य सविधाएं भी दी जाती है। एलटीए और एचआरए जैसी सुविधाओं के वजह से इन्हें डिडक्शन लेना ही होता है।

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