Pandit Bhajan Sopori Death – संतूर वादक भजन सोपोरी का निधन

Pandit Bhajan Sopori Death – संतूर वादक भजन सोपोरी का निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वे लंबे समय से बीमार थे, लेकिन आज गुरुवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई और फिर उनके निधन की खबर आ गई।पंडित सोपोरी ने जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत के बीच सांस्कृतिक कड़ी के रूप में जोड़ने का काम किया है। यह (सोपोरी अकादमी) अकादमी भारतीय शास्त्रीय संगीत को बढ़ावा देने के कार्य कर रही है।  

उन्होंने ‘सा मा पा’ (सोपोरी अकादमी, संगीत और प्रदर्शन कला के लिए ) नामक एक संगीत अकादमी भी शुरू की है। अकादमी देशभर से आने वाले छात्रों के अलावा जेल के कैदियों के लिए भी पाठ्यक्रम संचालित करता था। साल 2011 में इसे ‘जम्मू एवं कश्मीर डोगरी अवॉर्ड’ दिया गया था। वहीं, सोपोरी पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके थे।

पांच वर्ष की उम्र में दी थी पहली प्रस्तुति, कश्मीर से था खास रिश्ता – 

मनोरंजन जगत को एक और बड़ा झटका लगा है चूँकि हाल ही में बॉलीवुड सिंगर कृष्णकुमार कुन्नथ (Singer KK), पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला और संतूर वादक शिव कुमार शर्मा के बाद संतूर वादक व शिक्षक पंडित भजन सोपोरी का निधन हो गया है। सोपोरी की उम्र 74 साल थी। उनका जन्म श्रीनगर में वर्ष 1948 में हुआ था।

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बता दें, अभी थोड़ी देर पहले ही बॉलीवुड सिंगर केके पंचतत्व में विलीन हुए जो की एक बड़ा नुक्सान था भारतीय मनोरंजन को, और अभी पूरा मनोरंजन जगत इस सदमे से उभरा भी नहीं है कि अचानक से पंडित भजन सोपोरी के निधन की खबर ने सबको झंझोर कर रख दिया है।

ऐसे में म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए यह एक के बाद एक किसी बड़े झटके से कम नहीं है क्यूंकि आये दिन मनोरंजन के तीन लोगों की मृत्यु हो चुकी है। 10 मई को मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा ने दुनिया को अलविदा कह दिया।भजन सोपोरी कश्मीर के रहने वाले थे।

 उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी है और इनके पिता पंडित एसएन सोपोरी भी एक संतूर वादी थे जो की काफी मशहूर वादक थे। वे सूफियाना घराने से सम्बन्ध रखते थे और पूरी दुनिया में अपनी कला के दम पर सोपोरी ने एक अलग पहचान बनाई थी।

Pandit Bhajan Sopori Death – पांच साल की उम्र में दी सोपोरी ने पहली प्रस्तुति – 

अपनी पहली सार्वजनिक प्रस्तुति सोपोरी ने 1953 में पांच साल की उम्र में दी थी। भजन सोपोरी को घर पर ही उनके दादा एससी सोपोरी और पिता एसएन सोपोरी से संतूर की शिक्षा मिली थी। उनके पिता जी व् दादा जी काफी अच्छे ज्ञाता थे । कहा जा सकता है कि संतूर वादन की शिक्षा उन्हें विरासत में मिली थी। दादा और पिता से इन्हें गायन शैली व वादन शैली में शिक्षा मिली थी। सोपोरी ने अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी।सोपोरी ने इसके बाद वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का अध्ययन भी किया।

 

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