PM Modi ने किया 20 लाख करोड़ का आर्थिक सहायता पैकेज का ऐलान, जानिए क्या रही प्रतिक्रियाएँ

Economic Package Coronavirus: कोरोनावायरस के कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बिगड़ चुकी है। सभी देश अपनी गिरती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अपनी तरफ से पूरे प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच भारत भी अपने गिरती अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आगे आया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए संदेश दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को देश के प्रोडक्ट का उपयोग करने की सलाह दी। लेकिन खास बात यह है कि उन्होंने 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान भी किया है।

अन्य देशों ने भी दिए राहत पैकेज

काफी सारे लोगों को यह बात पता नहीं होगी कि भारत ऐसा अकेला देश नहीं है जो राहत पैकेज दे रहा है। राहत पैकेज देने के मामले में कई देश भारत से भी काफी आगे है। जापान ने अपनी जीडीपी के करीब 21.1 प्रतिशत हिस्से का राहत पैकेज देने की घोषणा की है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने भी अपनी जीडीपी के 13% हिस्से का राहत पैकेज देने का ऐलान किया है। 12 मई को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देने का ऐलान कर चुके हैं।

जानिए क्या रही विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ 

जैसे ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिरती हुई अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देने का ऐलान किया वैसे ही विपक्ष की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गई। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने कहा कि रोड पर चलते हुए मजदूर भाइयों के बैंक अकाउंट में कम से कम 7500 रु. सीधे ट्रांसफर होने चाहिए। इससे उन्हें राहत मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाने की मांग भी की।

राजस्थान से कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा की तारीफ की। सचिन पायलट ने अपने एक बयान में कहा कि ‘कोई भी आर्थिक मदद मिलना अच्छी बात है। लेकिन बहुत जल्दबाजी होगा बोलना कि इस पैसे का कैसे इस्तेमाल होगा’।

उद्योग जगत ने भी की ऐलान की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए गए 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज देने के ऐलान की तारीफ उद्योग जगत ने भी की है। FICCI ने एक ट्वीट करके पीएम मोदी के इस फैसले को लेकर अपना सम्मान जाहिर किया। FICCI ने कहा कि यह पैकेज मजबूत भारत के सपनो को शक्ति देगा।

10 लाख करोड़ रुपये का पहले से हो चुके है तय

केंद्र सरकार ने पौने दो करोड़ रुपये अपने खाते से खर्च करने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा आरबीआई के जरिये 8 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे। यह पैसे बाजार में डाले जाएंगे यानी की करीब 10 लाख करोड़ रुपये का इंतजाम पहले ही हो चुका है। अब देखना यह है कि आगे 10 लाख करोड़ रुपये ऋण लेकर खर्च किये जाएंगे या किसी योजना के काम को रोककर खर्च किये जाएंगे।

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