Pongal 2021 Date, Time, Significance: भारत को पूरी दुनिया भर में से एक स्पिरिचुअल देश के नाम से जाना जाता है जहाँ पर सभी लोग अपने धर्मो और सभ्यताओं का काफी पालन करते हैं। यह बात काफी सही भी है। भारत में विभिन्न धर्मों के, विभिन्न सभ्यताओं को मानने वाले लोग एक साथ मिलजुलकर रहते हैं और एक दूसरे की सभ्यताओं का आदर भी करते हैं। भारत में साल की शुरुआत से ही काफी सारे त्यौहार आना शुरू हो जाते हैं। जनवरी के महीने में भी देश की विभिन्न सभ्यताओं के लोग विभिन्न प्रकार के त्यौहार मनाते हैं, ऐसा ही एक त्योहार है पोंगल (When Is Pongal 2021)! जिस तरह से उत्तर भारत में लोहड़ी (Lohri 2021) का त्यौहार मनाया जाता है, उसी तरह से दक्षिण भारत में भी पोंगल (Pongal 2021) का त्योहार मनाया जाता है जो पूरे 4 दिन तक चलता है।
Pongal 2021 Date, Time, Significance: साल 2021 में कब मनाया जाएगा पोंगल
पोंगल का पर्व प्रकृति से जुड़ा हुआ है। यह पर्व लोहड़ी से मिलता जुलता है, और किसानों को समर्पित रहता हैं। दक्षिण भारत में गेंहू की फसल काटने के बाद किसान प्रसन्नता से इस त्यौहार को मनाते हैं। वैसे तो यह किसानों का त्यौहार है लेकिन पूरे दक्षिण भारत के लोग इस पर्व को बड़े धूमधाम से मनाते हैं। पोंगल पर लोग समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप, सूर्य, इन्द्रदेव और खेतिहर पशुओं की पूजा-आराधना करते हैं। पोंगल एक दक्षिण भारतीय त्यौहार है जो पूरे 4 दिन चलता है। साल 2021 में पोंगल 14 जनवरी से लेकर 17 जनवरी तक मनाया जाएगा।
4 दिन तक मनाया जाता है पोंगल का त्यौहार, जानें किस दिन क्या होता है?
पोंगल का त्यौहार दक्षिण भारत में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक है जो किसानों को समर्पित है। यह त्यौहार पूरे 4 दिन तक चलता है और चारों ही दिन का अपना अलग महत्व रखता है। पोंगल के पहले दिन घर की सफाई की जाती है और जो पुराना समान निकलता है उसकी भोगी जलाई जाती है और इंद्र देव की पूजा की जाती है। पोंगल के दूसरे दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। अन्न को प्रकाश देने के लिए उनकी पूजा की जाती है, और उन्हें खीर का भोग चढ़ाया जाता है। पोंगल के तीसरे दिन बैल की पूजा की जाती है। इस दिन पशुओं का आभार व्यक्त किया जाता है। चौथे दिन घरों को फूलों से सजाया जाता है, घर में रंगोलियां बनाई जाती है। इस दिन रिश्तेदारों और करीबियों को भेंट देने की सभ्यता है।