Pulwama Attack: पुलवामा में साल 2019 में दिल दहला देने वाला आतंकवादी हमला हुआ था। इस हमले में हमारे 40 जवान मारे गए थे। हमले के केवल कुछ दिनों बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर कुछ भारतीय जेट प्लेनों को आतंकवादी अड्डो के ऊपर एयर स्ट्राइक करने के लिये भेजा गया जिससे की आतंकवादियों को सबक मिल सके। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर पुलवामा हमले कि पूरी कहानी क्या थी। इस लेख में हम इतिहास को एक बार फिर से दोहराने जा रहे हैं। पुलवामा टेरर अटैक (Pulwama Attack) के 2 साल बाद एक बार फिर उन शहीद जवानों को याद कर लिया जाए जिन्होंने अपनी जान गवाई।
Pulwama Attack : पुलवामा के आतंकवादी हमले की पूरी कहानी
छुट्टियां खत्म होने के बाद जवान जब वापस अपने काम पर जा रहे थे उस समय यह हमला किया गया था। गुरुवार सुबह करीब 3 बजकर 30 मिनट पर 2547 जवानों का काफिला 78 बसों में जम्मू से रवाना हुआ था। यह जवान श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में स्थित कैम्प में जा रहे थे। यह सफर करीब 320 किलोमीटर का था जो जवानों को बसों में तय करना था। 2 बजकर 15 मिनट पर 14 फरवरी के दिन जवानों का काफिला काजीगुंड नामक एक जगह ओर पहुचा। वह 14 गाड़िया रुकी और 2 गाड़िया खराब भी हो गयी थी, कुल 16 गाड़िया इस जगह रुक गयी। करीब 23 जवान यहा रुके। जो गाड़िया खराब हुई थी और वहा रुकी थी उनके जवानों को दूसरे बसों में शिफ्ट किया गया।
14 फरवरी के दिन दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर जब गाड़िया बदलने के बाद जवानों का काफिला आगए बढ़ रहा था तब शाम तकरीबन 3:33 बजे माइल स्टोन नंबर 272 के पास सुसाइड बॉम्बर ने एक बस को टक्कर मारी जिससे बड़ा धमाका हुआ। यह धमका इतना तेज था कि इसकी आवाज करीब 10 मिनट तक और काफी दूर तक सुनाई गई। इस तरह से आतंकवादी हमले को अंजाम दिया गया। जिस गाड़ी को टक्कर पड़ी थी वह काफिले में पांचवे नम्बर पर बताई जा रही थी। बादमे सामने आया कि यह आतंकवादी हमला जेश-ए-मोहम्मद नामक एक आतंकवादी संगठन ने करवाया हैं जो पाकिस्तान के द्वारा चलाया जाता हैं। इसके कुछ दिनों बाद एयर स्ट्राइक के द्वारा जो जवाब दिया गया उसे भूलना पाकिस्तान के लिए मुश्किल हैं।