Rafale in India Live Updates: भारतीय एयरफोर्स में बहुचर्चित राफेल फाइटर जेट का पहला बैच भारत पहुंच चुका है। बताया जा रहा है कि यह लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस में सुरक्षित लेंड हो चुके हैं। करीब 3:10 पर 5 राफेल विमानों का पहला बेड़ा हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर उतरा। जिन्हें रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया मौजूद थे। ये फाइटर जेट फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके आये। इस दौरान यह लड़ाकू विमान केवल एक जगह संयुक्त अरब अमीरात में रुका, जो ग्यारह बजे के करीब वहां से टेक ऑफ हुआ था। बता दें कि चार साल पहले भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था। सूत्रों के अनुसार आज आधिकारिक तौर पर राफेल विमान वायुसेना में शामिल नहीं होंगे, आज इन्हें सिर्फ रिसीव किया गया है।
#WATCH: Five #Rafale jets in the Indian airspace, flanked by two Su-30MKIs (Source: Raksha Mantri's Office) pic.twitter.com/hCoybNQQOv
— ANI (@ANI) July 29, 2020
अंबाला में फाइटर जेट राफेल की लैंडिंग
अंबाला में फाइटर जेट राफेल की लैंडिंग के बाद उन्हें वाटर कैनन से वाटर सैल्यूट भी दिया गया। भारत के इस ऐतिहासिक पल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई देते हुए कहा है कि यह नए युग की शुरूआत है, यह क्रांतिकारी बदलाव है। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट करके राफेल विमान के लैंड होने की जानकारी भी दी।
The Rafale jets were purchased only because PM Shri @narendramodi took the right decision to get these aircrafts through an Inter-Governmental Agreement with France, after the long pending procurement case for them could not progress. I thank him for his courage & decisiveness.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 29, 2020
राफेल विमान दुनिया का सबसे ताकतवर फाइटर जेट (Powerful Jets in the World) माना जाता है इसलिए यह भारतीय वायुसेना की क्षमता को उच्च स्तर तक ले जा सकता है। इसके अलावा यह फाइटर जेट राफेल अपनी मारक क्षमता के लिए भी जाना जाता है, इस वजह से वायुसेना में इस विमान के बेड़े को शामिल करना भी अहम माना जाता है।
Welcome home 'Golden Arrows'. Blue skies always.
The Arrow formation (Rafales) was given ceremonial welcome by SU-30s.#IndianAirForce #RafaleInIndia #Rafale pic.twitter.com/RP0wITfTPZ
— Indian Air Force (@IAF_MCC) July 29, 2020
दुनिया का ‘सबसे ताकतवर’ लड़ाकू विमान
हिलाल अहमद राथर फाइटर जेट राफेल उड़ाने वाले भारत के पहले पायलट बन गए हैं। कश्मीर के निवासी हिलाल अहमद वह शख्स हैं, जिन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को विदाई दी, जिसने सोमवार को फ्रांस से भारत के लिए उड़ान भरी थी। इसके अलावा ही वह भारतीय जरूरतों के अनुसार, राफेल विमान के शस्त्रीकरण से भी जुड़े रहे।
इस फाइटर जेट राफेल की तुलना चीनी J-20 से हो रही है। यह मेटेओर, स्कैल्प और मिका जैसे विजुअल रेंज मिसाइलों से सुसज्जित है, जो अपने लक्ष्य भेदने में सक्षम होगा। इन लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता 3700 किलीमीटर तक है। इसके अलावा यह फाइटर जेट 6 सुपरसोनिक मिसाइल और लेजर गाइडेड बम लेकर उड़ सकता है। इसके साथ ही यह राफेल लगातार 10 घंटे तक हवा में उड़ान भर सकता है और दूर से ही दुश्मन के ठिकानों को भी भेद सकता है।
जानिए क्या हैं इसकी खूबियाँ
- दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल दो इंजनों वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जो हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल है।
- यह फाइटर जेट 24,500 किलो वजन उठाकर ले जाने में सक्षम है और साथ ही 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान की गारंटी भी देता है ।
- राफेल में बहुत ऊंचाई वाले एयरबेस से भी उड़ान भरने की क्षमता है। यह लेह जैसी जगहों और काफी ठंडे मौसम में भी लड़ाकू विमान तेजी से काम कर सकता है।
- 150 किमी की बियोंड विज़ुअल रेंज मिसाइल हवा से हवा में और हवा से जमीन में निशाना लगाने की क्षमता रखता है।
- राफेल परमाणु आयुध का इस्तेमाल करने में सक्षम है। इसमें मीटियॉर, स्काल्प, हैमर मिसाइल लगी हुई हैं।
- इस फाइटर जाट की अधिकतम स्पीड 2,130 किमी/घंटा है और मारक क्षमता 3700 किमी. तक है।