Rajasthan Political Controversy: 13 अगस्त के दिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर पर एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग के दौरान सचिन पायलट और गहलोत के बीच मुलाकात हुई। दोनों ने हाथ मिलाया और मुस्कुराये। यह मुलाकात विधायक दल की बैठक से पहले हुई जिस वजह से कांग्रेस के अन्य नेताओं को काफी सन्तुष्टि भी मिली। गहलोत ने बैठक में भावुक होते हुए कहा की ‘जो हुआ उसे भूल जाओ, अपने तो अपने होते हैं’।
बहुमत साबित कर देते लेकिन खुशी नहीं मिलती
गहलोत ने बैठक में कहा की इन 19 विषयकों के बिना वह बहुमत साबित कर देते लेकिन खुशी नहीं मिलती। विधायकों को सांत्वना देते हुए गहलोत ने कहा की वह जल्द ही विश्वास प्रस्ताव लाएंगे जिससे जो विधायक नाराज हैं उनकी नाराजगी भी दूर हो जाएगी। गहलोत ने कहा कि जो विधायक पार्टी से नाराज है वह कभी भी पार्टी में मिल सकते हैं। गहलोत उनका हमेशा स्वागत करेंगे। केके वेणुगोपाल ने कहा कि ‘कांग्रेस एक परिवार है और सत्र में भी काँग्रेस अपनी एकता दिखाएगी’।
विधायकों की हो रही है वापसी
जिन विधायकों ने पार्टी से नाराज होकर पार्टी छोड़ी थी अब वह वापस पार्टी में आ रहे हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच की सुलह से विधायको को संतुष्टि मिली है। अविनाश पांडेय ने एक ट्वीट के जरिये बताया कि ‘एक लंबे डिस्कशन के बाद सचिन पायलट के साथ के भंवरलाल शर्मा और विश्ववेंद्र सिंह का निलंबन वापस ले लिया है। अब वह दोनो पार्टी के सदस्य हैं। इन दोनों के ऊपर ट्रेडिंग के मामलों में शामिल होने के आरोप थे जिनपर कार्यवाही की गयी थी।
गलतफहमियों को भुलाकर आगे बढ़ें : गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि ‘हमें फॉरगेट एंड फॉरगिव, आपस में भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो, की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में जुटना है’। गहलोत ने बात को आगे बढाते हुए कहा कि ‘पिछले एक महीने में कांग्रेस में आपस में जो भी गलतफहमियां पैदा हुई हैं उन्हें भूलकर आगे बढ़ना चाहिये’।
गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘देश में चुनी हुई सरकारों को तोड़ने का प्रयास हो रहा हैं, जो कि उचित नहीं हैं’। इसके अलावा गहलोत ने एजेंसियों और ज्यूडिशियरी के बारे में कहा कि ‘ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, ज्यूडिशियरी का जो दुरूपयोग हो रहा है ये डेमोक्रेसी को कमजोर करने का बहुत डेंजरस गेम है’।
भारतीय जनता पार्टी ने की थी पूरी तैयारियां
भारतीय जनता पार्टी ने भी विधानसभा सत्र के दौरान राजस्थान में कांग्रेस की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारिया कर रखी थी। भारतीय जनता पार्टी कई मुद्दों जैसे की कोरोना और टिड्डी दल हमले को लेकर सरकार पर निशाना साधने की तैयारी में हैं। बहुजन समाज पार्टी भी पीछे नही रही। बसपा ने अपने 6 विधायकों को अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति में कांग्रेस के खिलाफ वोट देने को कहा था।