राजस्थान पालनहार योजना 2022-
पालनहार योजना के अंतर्गत राजस्थान सरकार ने राज्य में अनाथ बच्चों की परवरिश अथवा उनकी शिक्षा व उनके पालन पोषण को ध्यान में रखते हुए इस योजना की शुरुवात की है। राज्य सरकार द्वारा पालनहार योजना के अंतर्गत जिन बच्चों के मां-बाप नहीं है, उन बच्चों की लालन-पालन, शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। आरम्भ में यह योजना 8 feb 2005 से अनुसूचित जाति के अनाथ बच्चों हेतु संचालित की गई थी
जानिए पालनहार योजना के लिए पात्रता-
- कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
- नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
- न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
- पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
- तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
- अनाथ बच्चे
- निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
- एड्स पीडित माता/पिता की संतान
जानिए पालनहार योजना के लाभ-
ऐसे अनाथ बच्चों को 2 वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केन्द्र पर तथा 6 वर्ष की आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है। पालनहार योजनान्तर्गत ऐसे अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए पालनहार को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
प्रत्येक अनाथ बच्चे हेतु पालनहार परिवार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे हेतु 500 रूपये प्रतिमाह की दर से तथा स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1000 रूपये प्रतिमाह की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त वस्त्र, जूते, स्वेटर एवं अन्य आवश्यक कार्य हेतु 2000 रूपये प्रति वर्ष (विधवा एवं नाता की श्रेणी को छोडकर) प्रति अनाथ की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है।