भारत में सबसे अधिक सनातन धर्म और सनातन धर्म से जुड़े हुए अन्य धर्मों के अनुयायी रहते हैं। सनातन धर्म के बारे में कई खास बातें हैं और उनमें से एक खास बात यह है कि संगठन धर्म में रिश्तो को काफी सम्मान दिया जाता हैं। जहां एक तरफ दूसरे देशों में को खोखलेपन की परंपराएं जारी हैं वही भारत मे रिश्तो की मजबूती को दर्शाने वाले त्यौहार मनाए जाते हैं और ऐसा ही एक त्यौहार रक्षाबंधन भी है जो भाई-बहन के बीच के प्रेम को दर्शाता हैं। रक्षाबंधन क्या है और यह कैसे मनाया जाता है इसके बारे में तो लगभग हम सभी लोग जानते हैं लेकिन ‘रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं’ (Rakshabandhan Kyu Manate Hain) इस विषय की जानकारी कम ही लोगो को हैं। तो चलिए आज इसी विषय पर बात करते हैं।
Rakshabandhan Kyu Manate Hai : रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं?
रक्षाबंधन अर्थात राखी का त्यौहार भारत में मनाए जाने वाले सबसे बड़े त्योहारों में से एक हैं। इस दिन सरकारी व निजी हर तरह के संस्थाओं के द्वारा अपने कर्मचारियों को छुट्टी दी जाती है और शिक्षण संस्थानों में भी छुट्टी होती है। ना केवल सनातन धर्म के अनुयाई बल्कि भारत में रहने वाला हर नागरिक इस त्यौहार का सम्मान करता है वह इसे प्रथाओं के साथ मनाता है। यह एक ऐसा त्यौहार है जो भाई और बहन के रिश्तो की मजबूती को दर्शाता है और उनके बीच में प्रेम बढ़ाता हैं। रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई के हाथों में राखी बांधी है और भाई बहन को सुरक्षा के वचन के साथ तोहफे प्रदान करता हैं।
अब अगर बात की जाए रक्षाबंधन का त्यौहार क्यों मनाते हैं तो इस त्यौहार को भाई-बहन के बीच के रिश्ते की मजबूती को दर्शाने के लिए ही मनाया जाता हैं। लेकिन अगर इससे जुड़े हुए ही प्राचीन कहानियों की बात की जाए तो काफी सारी ऐसी कहानियां है जो रक्षाबंधन के त्यौहार को मजबूती प्रदान करती हैं। इनमे से जो सबसे लोकप्रिय कहानी है वह लक्ष्मी व राजा बलि की कहानी हैं। इस कहानी के अनुसार भगवान विष्णु ने वामन अवतार ने असुर राजा बलि से तीन पग भूमि का दान मांगा तो ऐसे में बलि इसके लिए राजी हो गया लेकिन जबवामन ने पहले ही पग में धरती नाप ली तो बलि को यह बात समझ मे आ गयी कि यह वामन तो स्वयं भगवान विष्णु ही हैं।
इसके बाद राजा बलि ने भगवान विष्णु के अगले कदम के लिए अपना सर प्रस्तुत कर दिया जिससे भगवान विष्णु बलजी से प्रसन्न हो गए और उसे वरदान मांगने को कहा। लेकिन बलि ने उनका फायदा उठाते हुए उन्हें अपने द्वार पर खड़े रखने का वर मांग लिया जिससे भगवान अपने वरदान में ही फस गए। इसके बाद माता लक्ष्मी ने बलि को राखी भेजकर उपहार में भगवान विष्णु को मांग लिया जिससे विष्णु बलि के वरदान से स्वतंत्र हो गए। इसके बाद से हर साल रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाने लगा। इसके अलावा भी Rakshabandhan Kyu Manate Hai के पीछे कई कारण व कहानियां हैं लेकिन हमने यहा आपको प्रमुख कारणो के बारे में बताया है।