सीईओ प्रकार कुमार का महत्वपूर्ण बयान
हाल ही में जीएसटी नेटवर्क (GST Network) के सीईओ प्रकाश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। इस बयान में उन्होंने बताया कि हम करदाताओं को टैक्स का भुगतान आसान करने के लिए पहले से भरे हुए रिटर्न फॉर्म उपलब्ध कराने जा रहे हैं। इससे करदाता कम समय में अपना रिटर्न दाखिल कर पाएंगे। नेटवर्क के द्वारा प्रोवाइड किये जाने वाले इस फॉर्म में एडिट का ऑप्शन भी होगा जिससे फॉर्म में मौजूद गलतियों को सुधारा जा सके।
जीएसटीआर 1 में दी जा रही है टैक्स की जानकारी
सबसे पहले तो यह जान लें कि जीएसटी नेटवर्क एक ऐसा नेटवर्क है, जो गुड्स एंड सर्विस टैक्स के आईटी परिचालन को सम्भलता है। जीएसटीएन (GSTN) की तरफ से वर्तमान समय में रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-1 में बिक्री के आधार पर टैक्स देनदारी की जानकारी प्राप्त की जा रही है। टैक्स चूकते समय कारोबारी जीएसटीआर-3बी (GSTR-3B) फॉर्म के साथ जीएसटीआर-1 (GSTR-1) का इस्तेमाल करने के लिए स्वतन्त्र होंगे। इससे उनका काम आसान और तेज हो जाएगा।
लेकिन इतना ही नहीं, टेक्स भरते वक्त रजिस्टर्ड कारोबारियों को ऑटो जनरेटेड इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की स्टेटमेंट भी दी जाएगी जिससे करदाता यह आसानी से जान सकेंगे कि उसके पास महीने की कितनी आईटीसी (ITC) उपलब्ध है।
1.26 करोड़ से ज्यादा रजिस्टर्ड करदाता हैं जीएसटीएन में
हाल ही में कुछ आंकड़े सामने आए थे जिनके अनुसार वर्तमान समय में जीएसटीएन (GSTN) में 1.26 खरीद से भी ज्यादा रजिस्टर्ड करदाता मौजूद हैं। इनमें से 1.07 करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिए जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी की जरूरत पड़ती है। और करीब 58 लाख हर महीने जीएसटीआर-1 फॉर्म दाखिल करते हैं। अन्य बचे हुए करदाता तिमाही के आधार पर फॉर्म दाखिल करते हैं।
जीएसटी नेटवर्क के सीईओ प्रकाश कुमार के अनुसार वर्तमान में अलग-अलग प्रोवाइड की जा रही टैक्स लेनदारी और आईटीसी की जानकारी करदाताओं को अगले 2 महीने में रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-3बी में दिखने लगेगी। इस कदम से कारोबारियों में जीएसटीआर-1 की जानकारी जीएसटीआर-3बी में कॉपी-पेस्ट करने से स्वतंत्रता मिल जाएगी, और उनके लिए सटीक रूप से टैक्स भरना और भी आसान हो जाएगा।
[…] है जिसमें बताया गया कि राज्यों की जीएसटी की कमी की भरपाई करने (GST Compensation Shortfall) के लिए […]