Russia Claimed To Make Corona Vaccine: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया है कि उनके देश ने कोरोना वायरस वैक्सीन बना ली है। इसके अलावा पुतिन ने यह भी दावा किया है कि यह दुनिया की सफल कोरोना वैक्सीन है जिसे रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। इतना ही कि राष्ट्रपति पुतिन की बेटी ने इस वैक्सीन को लिया है। रूस ने यह भी कहा कि अगले महीने से कोरोना वैक्सीन का प्रोडक्शन शुरू हो क्योंकि वैक्सीन ने अपना अंतिम चरण ह्यूमन ट्रायल भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
एएफपी ने भी ट्वीट कर दी जानकारी
इसके अलावा रूस ने यह भी दावा किया है कि वह 12 अगस्त को कोरोना वायरस वैक्सीन रजिस्टर करने जा रहा है। इस दिन वह कोरोना वायरस के खिलाफ अपना पहला टीका रजिस्टर करवाएगा। यह वैक्सीन गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप विकसित की है। रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा कि यह कोरोना वैक्सीन सितम्बर के अंत तक प्रोडक्शन स्तर पूरा कर लेगी और बड़ी संख्या में डोज़ तैयार करेगी। रूस की समाचार एजेंसी एएफपी ने भी ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है।
#BREAKING Russia has developed 'first' coronavirus vaccine: Putin pic.twitter.com/s33LTMO0j0
— AFP News Agency (@AFP) August 11, 2020
राष्ट्रपति पुतिन की बेटी को लगाया गया पहला टीका
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दावा किया है कि उनकी बेटी को कोरोना वायरस हुआ था, जिसके बाद उसे यह नई वैक्सीन दी गई। कुछ देर के लिए उसका तापमान बढ़ गया उसके बाद अब वह बिलकुल ठीक हो गयी। जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का कई जगह ट्रायल चल रहा है। WHO ने यह जानकारी दी है कि इस वक़्त 100 से अधिक वैक्सीन बनाने पर काम किया जा रहा है। इस लिस्ट में अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, चीन, रूस, भारत जैसे देश शामिल हैं। भारत में भी वैक्सीन अभी ह्यूमन ट्रायल की दूसरी स्टेज में है।
इस समय पूरी दुनिया में दो करोड़ से अधिक लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इसके अलावा सात लाख से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं। अमेरिका, ब्राजील, भारत और रूस जैसे देश कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को दी जाएगी यह वैक्सीन
रूस के मॉस्को में स्थित गामालेया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के प्रोडक्शन के बाद सबसे पहले हेल्थ डिपार्टमेंट के फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को यह वैक्सीन दी जाएगी। क्योंकि उन्हें आगे भी काफी संक्रमित लोगों के बीच में काम करना है और वैक्सीन लगनी है।
भले ही रूस यह दावा करता है कि उसने कोरोना वैक्सीन का सफल परिक्षण किया है, परन्तु रूस की तरफ से अपने यहाँ तैयार की जा रही वैक्सीन से जुड़े ट्रायल का कोई डेटा सार्वजनिक नहीं किया है। तो अब देखना यह होगा कि कितने लोगों पर इसका टेस्ट होता है और क्या लक्षण देखने को मिलते हैं, और वैक्सीन के बाद कैसा रिजल्ट रहता है। इसीलिए अभी सन्देश है कि यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण पर प्रभावी भी होगी या नहीं।