Russia Coronavirus Vaccine: जब से कोरोना वायरस आया है इसने लोगों के दिल में एक भय बना दिया है। भय इसलिए नही है क्योंकि यह बीमारी काफी घातक है बल्कि इसलिए है क्योंकि इसकी कोई दवा नहीं है। इस समय कोरोनावायरस का इलाज केवल मरीजों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन करके ही किया जा रहा है। ऐसे में पूरे विश्व में कोरोना की दवा बनाने की होड़ लगी हुई है। हर देश सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन बनाने की भरपूर कोशिश कर रहा है। लेकिन रूस ने इस होड़ में बाजी मार ली है। दरअसल रूस 10 अगस्त तक पहली कोरोना वैक्सीन को बाजार में उतारने के लिए मंजूरी मांगने का दावा कर रहा है।
आखिर रूस ने कैसे बनाई इतनी जल्दी कोरोना वैक्सीन
रूस के द्वारा दी गयी जानकारियों के अनुसार दुनिया की सबसे पहली सफल कोरोना वैक्सिन मॉस्को के ‘गामेल्या इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी’ संस्थान के वेज्ञानिकों द्वारा निर्मित की गई है। जहाँ एक तरफ भारत और अमेरिका जैसे देश अपनी वैक्सीन को लेकर हर चरण की जानकारी दुनिया से बाट रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ रूस बेहद ही गुप्त तरीके से काम कर रहा था।
जहाँ एक तरफ कई देशों में वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल नहीं किया गया तो वहीं दूसरी तरफ रूस ने जून में ही अपनी वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल कर लिया। इस ट्रायल के द्वारा वैक्सीन को फायदेमंद और सुरक्षित साबित किया गया। रूस ने जून के महीने के बीच में वेक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया था जो की जून के मध्य तक चला और इसके परिणाम सकारात्मक रहे।
दो रूपों में बनाई गयी कोरोना की दवा
रूस के वेज्ञानिकों द्वारा दी गई गयी जानकारी के अनुसार रूस के द्वारा बनाई गयी कोरोना की वैक्सीन 2 रूपो में बनाई गयी थी। पहला रूप लिक्विड था तो दूसरा पाउडर। रूस के मास्को शहर में इन वैक्सीन का विभिन्न तरह से ट्रायल किया गया। वैक्सीन के रूपों के अनुसार दो ग्रुप बनाये गए जिनमें 38-38 लोग शामिल हुए।
इनमें से कुछ लोगों को वैक्सिन दी गयी तो कुछ का साधारण तौर पर इलाज किया गया। ऐसे में वेक्सिन वाले मरीजों में फायदे दिखाई दिए और रूस को अपनी वैक्सीन पर भरोसा हो गया।
#Gravitas | Has Russia found a vaccine for #COVID19? Numerous reports have claimed that clinical trials for a vaccine have been 'successfully' completed. @palkisu tells you why the Russian vaccine is far from ready. pic.twitter.com/YqQzm1P5At
— WION (@WIONews) July 13, 2020
अमेरिका नहीं लेगा रूस से वैक्सिन
इस समय अगर कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित अगर कोई देश है तो वह ‘अमेरिका’ ही है। लेकिन इसके बावजूद भी अमेरिका ने रूस के द्वारा बनाई गयी वैक्सीन लेने से मना कर दिया है। इतना ही नहीं बल्कि अमेरीका ने चीन की वैक्सीन लेने से भी साफ इनकार किया है। अमेरिका में रूस और चीन पर आरोप लगाया है कि इन देशों ने वैक्सीन को लेकर कोई पारदर्शिता नहीं बरती।
रूस जल्द करने वाला है वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन
एक मशहूर अमेरिकी न्यूज़ वेबसाइट के मुताबिक रूस जल्द ही अपनी वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन कराने वाला है। सूत्रों की माने तो रूस 10 से 12 अगस्त के बीच अपनी वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन करवाने वाला है। मंजूरी मिलने के बाद से ही रूस अपने नागरिकों सहित दुनिया के अन्य देशों के लिए भी जरूरत के अनुसार वैक्सिन बनाना शुरू कर देगा। अपने नागरिकों के लिए रूस एक हफ्ते में ही वैक्सीन तैयार कर लेगा।
रूस के लिए एक साथ 5 से 8 करोड़ की आबादी के लिए वैक्सीन बनाना मुश्किल होगा। इसलिए कहा जा रहा है कि रूस प्राथमिकता के आधार पर ही अपनी वैक्सिन का डिस्ट्रीब्यूशन करने वाला है। बता दें कि अमेरिका और ब्रिटेन की सरकार ने रूस पर कोरोना का डेटा चोरी करने के आधारहीन आरोप लगाए हैं। रूस पर यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने ट्रायल पूरे किये बिना वैक्सीन बनाई है।
Has Russia won the #COVID19 vaccine race? A Russian university claims to have successfully completed clinical trials of the 1st #COVID19 vaccine in the world. @PriyankaSh25 brings you the story pic.twitter.com/4q5AEGnUkU
— WION (@WIONews) July 13, 2020
दोनों ट्रायलो में सफल हुआ रूस
रुस पर लग रहे अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों के आरोपों पर रूस ने यह जवाब दिया है कि गुप्त रूप से वैक्सीन के निर्माण के बाद उन्होंने प्रतिभागियों पर वैक्सीन का ट्रायल किया। वैक्सीन में दो ट्रायल किये गए और वैक्सीन दोनों ही ट्रायलो में खरी उतरी। प्रतिभागियों को जुलाई में ही ठीक करके घर भेज दिया गया।