SBI HDFC Loan Restructuring & EMI Moratorium Scheme: कोरोना वायरस का प्रभाव न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में पड़ा है। वायरस के फैलाव को रोकने के कारण लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से हर क्षेत्र की व्यवस्थाए बिगड़ सी गयी है। इकॉनमी पर बुरा असर पड़ा है तो प्रति व्यक्ति आय भी गिर गयी। लोन चुकाने से जुड़ी समस्याओं को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोन मोरेटोरियम (Loan Moratorium) की घोषणा की थी। छह महीने पूरे होने पर मोरेटोरियम 31 अगस्त 2020 को भी खत्म कर दिया गया। लेकिन अब भी हालात ठीक नहीं कहे जा सकते। क्योंकि अब भी रोजगार से जुड़ी समस्याएं बनी हुई है।
Loan Restructuring Latest Scheme: रिजर्व बैंक ने दी लोन रिस्ट्रक्चरिंग की अनुमति
लोग अभी भी बैंकों से लिए हुए अपने होम लोन और कार लोन को चुकाने के लिए व्यवस्था नहीं बना पाए हैं, जिस वजह से बैंकों ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (Reserve Bank Of India) से लोन रिस्ट्रक्चरिंग की अनुमति मांग ली है। वर्तमान के विपरीत हालातों के चलते भारतीय रिजर्व बैंक ने भी लोन स्ट्रक्चरिंग की अनुमति बैंकों को दे दी है। अब सभी बैंकों को लोन रीपेमेंट की अवधि 2 साल तक बढ़ाने की अनुमति मिल चुकी है। कई प्राइवेट और सरकारी बैंकों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने पहले ही लोन रिस्ट्रक्चरिंग की शर्तें लागू कर दी थी, और अब एचडीएफसी और कुछ अन्य बैंक भी अपनी लोन रिस्ट्रक्चरिंग की शर्तें लागू कर रहे हैं (SBI HDFC Bank Loan Restructuring Latest Scheme)।
क्या होम लोन और कार लोन में रिस्ट्रक्चरिंग का फायदा लेना सही होगा?
काफी लोग अब तक बैंकों के द्वारा जारी की जा रही लोन रिस्ट्रक्चरिंग (Loan Restructuring) की शर्तें समझ नहीं पा रहे हैं, तो ऐसे में सबके मन में यही सवाल आ रहा है कि क्या होम लोन (Home Loan) और कार लोन (Car Loan) पर रिस्ट्रक्चरिंग का फायदा लेना सही होगा या नहीं? लोन रिस्ट्रक्चरिंग को समझने के लिए यह भी समझना जरूरी है, कि इसका फाइनेंशियल हेल्थ पर कितना असर पड़ सकता है। अगर कोई व्यक्ति अपनी नौकरी गंवा चुका है, या फिर इस समय काफी खराब फाइनेंसियल स्थिति में है तो वह लोन रिस्ट्रक्चरिंग के बारे में सोच सकता है। लेकिन अगर वह किस्त चुकाने में समर्थ है तो लोन रिस्ट्रक्चरिंग का फायदा उठाना आगे भारी पड़ सकता है। यदि फाइनेंसियल स्थिति काफी खराब है और कोई विकल्प नहीं बचे हैं तो ही लोन रिस्ट्रक्चरिंग के बारे में सोचें।
रिस्ट्रक्चरिंग फ्रेमवर्क में किस तरह की राहत मिलेगी?
अगर आपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) से लोन लिया है, तो आपको उसमें 24 महीनों तक का मोरटोरियम मिल सकता है, और उसके बाद आपको लोन की किस्तें चुकानी होगी। अगर कोरोनावायरस (Covid-19) के कारण आपकी नौकरी जा चुकी है, और आपकी फाइनेंसियल स्थिति खराब है तो रिस्ट्रक्चरिंग फ्रेमवर्क की मदद लेना आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस अवधि के दौरान आपका ब्याज जुड़ता रहेगा जो आपको बाद में चुकाना पड़ेगा।
अगर आपके बिजनेस या नौकरी को कोरोनावायरस (Corona Virus) के चलते कोई हानि हुई है तो आप नए सिरे से भी अपनी ईएमआई चालू कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप चाहें तो अपनी आने वाली आर्थिक स्थितियों के अनुसार अपना EMI प्लान तय कर सकते हैं। लेकिन इससे आपकी छूट वाली अवधि में ब्याज में बदलाव नहीं होंगे।
कौन ले सकता है लोन रीस्ट्रक्चरिंग और इसके लिए किन डॉक्यूमेंट की जरुरत है?
आरबीआई ने साफ़ तौर पर कहा है कि लोन रीस्ट्रक्चरिंग का लाभ उसे दिया जायेगा, जिस व्यक्ति, संस्था या कंपनी का लोन 31 मार्च 2020 की स्थिति में स्टैंडर्ड हो यानी उस दिन तक वह डिफॉल्ट न हुआ हो। इससे साफ़ जाहिर होता है कि लोन रीस्ट्रक्चरिंग की सुविधा केवल उन्हें ही मिलेगी जिनकी कोविड-19 महामारी का वजह से फाइनेंसियल कंडीशन बेहद ख़राब हो गई है। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए आपको बैंक को अपने रोजगार या व्यवसाय से सम्बंधित दस्तावेज जमा करने होंगे। यदि आप नौकरीपेशा हैं तो आपको वेतन पर्ची और बैंक स्टेटमेंट की आवश्यकता हो सकती है। अगर आप स्वरोजगार/ बिजनेसमैन हैं तो आपको बैंक स्टेटमेंट, जीएसटी रिटर्न, आयकर रिटर्न, उद्योग प्रमाण पत्र, आदि की आवश्यकता हो सकती है। ऑनलाइन रीस्ट्रक्चरिंग एप्लिकेशन लिंक के लिए आपको बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
रिस्ट्रक्चरिंग करने पर ईएमआई की राशि बढ़ेगी या कम होगी?
अगर आप लोन पर मोरेटोरियम लेते हैं तो इस पर आपको पीरियड ख़तम होने पर ईएमआई चुकानी होगी। परन्तु इस EMI की राशि बढ़ेगी या कम होगी? यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आपका लोन कितना बचा है, EMI कितनी बची है और कितने समय के लिए मोरेटोरियम लेते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) के द्वारा शेयर की गई जानकारी के अनुसार अगर कोई ग्राहक आज 7.00% ब्याज चुका रहा हैं तो तो रीस्ट्रक्चरिंग का लाभ लेने पर उसे 7.35 प्रतिशत की दर से ब्याज चुकाना होगा। इसके अलावा प्रोसेसिंग फीस भी वसूली जा सकती है। हर बैंक अपने हिसाब से नियम बनाएगी, और रिस्ट्रक्चरिंग प्लान्स ऑफर करेगी। ऐसे में यही सलाह हैं कि अगर आपके पास ईएमआई चुकाने के लिये पैसा है तो रिस्ट्रक्चरिंग ना करने में ही फायदा है।
इसमें कौन कौन से लोन शामिल हैं और लोन रीस्ट्रक्चर करने के लिए कहाँ संपर्क करें?
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) ने होम लोन (Home Loan) के साथ साथ एजुकेशन लोन (Education Loan), ऑटो लोन (Auto Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) को भी रीस्ट्रक्चर करने का प्रस्ताव रखा है। वहीँ एचडीएफसी (HDFC) क्रेडिट कार्ड (Credit Card) की बकाया राशि को भी लोन में बदल कर रीस्ट्रक्चरिंग प्लान बनाने को तैयार है। साथ ही उसने किस तरह के लोन रीस्ट्रक्चर नहीं हो सकेंगे इसकी जानकारी भी दी है। जिसमें एचडीएफसी के कर्मचारी, फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर, एग्रीकल्चर से जुड़े लोन, सरकारी यूनिट्स आदि आते हैं। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) और एचडीएफसी (HDFC) ने इससे सम्बंधित गाइडलाइन्स अपने पोर्टल में डाले हैं। परन्तु आपके पास इससे सम्बंधित अगर और भी प्रश्न हैं तो आपको बैंक जाकर मैनेजर से बात करनी चाहिए। मोरेटोरियम या रीस्ट्रक्चरिंग का प्लान पूरी तरह से अलग अलग बैंकों के अलग अलग नियमों के आधार पर होगा, इसलिए बैंक अधिकारी ही इसके बारे में जुड़ी स्थिति के आधार पर इसकी शर्तों को समझा पायंगे।