School Bag Policy 2020: लम्बे समय के कोरोना अवकाश के बाद अब स्कूल खुलने की बातें शुरू हो गयी है। जहाँ कई लोगों का मानना है कि अब सरकार को स्कूल खोल देने चाहिए वरना जीरो सेशन हो जाएगा, तो वहीं कई लोग अब भी स्कूल न खोलने के समर्थन में हैं। खैर, जल्द ही स्कूल खोले जाने वाले हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) लागू हो चुकी है। अब देश भर में इसे लागू करने के लिये विभिन्न कानून बनाये जा रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘पॉलिसी ऑन स्कूल बैग 2020 (School Bag Policy 2020)’ पर भी बात की है। मंत्रालय के द्वारा तैयार किये गए नए दस्तावेजो में छात्रों के स्कूल बैग के वजन से लेकर कक्षाओं में ही सिलेबस के अधिकतम हिस्से को कवर करने और होमवर्क से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
School Bag Policy 2020: 3 दिसम्बर को जारी हुई है नई ‘स्कूल बैग पॉलिसी 2020’
बता दें कि ये नई ‘स्कूल बैग पॉलिसी 2020’ 3 दिसम्बर, 2020 को शुरू हुई है। इस नई पॉलिसी के अंतर्गत दूसरी कक्षा तक के किसी भी छात्र को कोई भी गृहकार्य (होमवर्क) न देने का प्रावधान है। इसके अलावा तीसरी से लेकर 5वीं कक्षा तक के छात्रों को हफ्ते में केवल 2 घण्टे तक का होमवर्क ही दिया जाएगा। इन दस्तावेजों में यह भी कहा गया है कि सिलेबस या कोर्स की प्लानिंग के समय ही फेस-टू-फेस और सेल्फ-स्टडी या होमवर्क दोनों मिलाकर स्टडी के घंटों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। दस्तावेजों में बताया गया है कि छात्रों के अगली कक्षाओं में जाने से इसकी आवश्यकता बढ़ती जाएगी।
जानें क्या रहेगा मध्यम विद्यालय के छात्रों के लिए ग्रह कार्य का समय
शिक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी की गई इस नई पॉलिसी के मुताबिक 6वीं से 8वीं कक्षा तक के छात्रों को अधिकतर एक घण्टे का गृहकार्य दिया जा सकेगा। हफ्ते में ग्रहकार्य की कुल अवधि 5 से 6 घण्टे ही होनी चाहिए। इसके अलावा उच्च कक्षाओं के लिए भी रोजाना 2 घण्टे से अधिक का होमवर्क ना देने का प्रावधान बनाया गया हैं। इससे उच्च कक्षाओं के बच्चों को हफ्ते में 10 से 12 घण्टे का होमवर्क मिलेगा। यह नई पॉलिसी इसलिए लायी गयी है ताकि लंबे समय बाद बच्चों पर विद्यालयो की तरफ से एक साथ लोड ना डाला जाए। इससे बच्चों की शिक्षा पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।
स्कूल बैग के वजन को लेकर भी बनाया जाएगा प्रावधान
एक भारी स्कूल बैग बच्चों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से एक बड़ी समस्या बन सकता है। दिक्कत इस बात से ही कि स्कूलों की तरफ से डाले जाने वाले पैसें की वजह से जो किताबें पढ़ाई नहीं जाती, वह भी स्कूल में लाकर बेग के वझन को बढ़ाया जाता है। ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा जल्द ऐसा कानून भी बनाया जायेगा, जिसमें स्कूल बैग के वजन को लेकर प्रावधान दिए जाएंगे।